NDA में सीट शेयरिंग का होगा एलान, आज ही भूपेंद्र यादव और फडणवीस आ रहे पटना

NDA में सीट शेयरिंग का होगा एलान, आज ही भूपेंद्र यादव और फडणवीस आ रहे पटना

PATNA :  दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर बीजेपी की बैठक के बाद बिहार बीजेपी प्रभारी और बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव और चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस बिहार आ रहे हैं. ये दोनों नेता कल एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर अपने सहयोगी दलों के साथ बातचीत करेंगे.


बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान को लेकर कल यानी कि 1 अक्टूबर से ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है. लेकिन महागठबंधन और एनडीए के खेमे में अब तक सीट शेयरिंग को लेकर तस्वीर साफ़ नहीं हो पाई है. एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर कल बातचीत की जाएगी. हालांकि चिराग पासवान एनडीए में रहेंगे या नहीं, इस पर अभी तक संशय कायम है. क्योंकि दिल्ली में उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है.


दिल्ली में बैठक के बाद बीजेपी प्रभारी और बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि एनडीए में सभी लोग एक साथ हैं और सभी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने बैठक में बिहार की वर्तमान राजनीतिक हालात और सीटों को चार कैटेगरी में (A, B, C, D) बांटकर पूरी स्थिति से अवगत करा दिया है. अब इन सीटों पर चर्चा करने के बाद तय किया जाएगा कि कौन पार्टी कहां से चुनाव लड़ेगी. उन्होंने यह भी कहा कि एक से दो दिन में एनडीए के नए स्वरूप की भी घोषणा कर दी जाएगी.


भाजपा के बड़े नेताओं की ओर से लगातार यह दावा किया जा रहा है कि एनडीए खेमे में सब ठीक है. बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बिहार में एनडीए चट्टान की तरह मजबूत है. उन्होंने यह भी कहा कि इस बार फिर से बिहार में तीन चौथाई बहुमत के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी.


ये दोनों नेता आज बुधवार शाम को दिल्ली से पटना आ रहे हैं, जो कल गुरूवार को पटना में बैठक करेंगे. माना जा रहा है कि कल ही सीट शेयरिंग की पेच को सुलझा लिया जायेगा और जल्द ही इसका एलान भी कर दिया जायेगा. उधर सूत्र बताते हैं कि बीजेपी और जेडीयू के बीच से जिन सीटों को लेकर मामला फंसा हुआ था वह पहले ही सुलझा लिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार जीतन राम मांझी की सीटों की जिम्मेदारी जेडीयू के ऊपर होगी यानी मांझी के कोटे की सीट जेडीयू के खाते में दे दी जाएगी. इसके बाद जेडीयू और मांझी ही मिलकर तय करेंगे कि उन्हें किन सीटों पर कहां से चुनाव लड़ना है.