नयी आफत: कोरोना वायरस का नया वैरिएंट पाया गया, वैक्सीन का असर नहीं होने और ज्यादा तेजी से फैलने की आशंका

1st Bihar Published by: Updated Mon, 30 Aug 2021 09:10:09 PM IST

नयी आफत: कोरोना वायरस का नया वैरिएंट पाया गया, वैक्सीन का असर नहीं होने और ज्यादा तेजी से फैलने की आशंका

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DESK: कोरोना से लड़ते लड़ते थक रही दुनिया के लिए नयी आफत सामने आ गयी है। कोरोना वायरस का नया वैरिएंट सामने आ गया है। दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में ये वेरिएंट पाया जा चुका है। इस वैरिएंट को लेकर जो शोध हुआ है वह बेहद चिंताजनक है। आशंका ये है कि इस वैरिएंट पर वैक्सीन भी बेअसर साबित हो सकता है। वहीं दूसरे वैरिएंट के मुकाबले ये दो गुणा तेजी से फैलेगा। 


कोरोना का C.1.2 वैरिएंट

कोराना के इस नये वैरिएंट पर दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने शोध किया है। दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीच्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज के वैज्ञानिकों ने क्वाजुलू नेटाल रिसर्च फ्लेटफार्म के साथ मिलकर शोध किया है। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि इस साल मई में ही कोरोना के इस नये वेरिएंट का पता चला। वैज्ञानिकों ने इसे C.1.2 वैरिएंट का नाम दिया है। सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में ये वेरिएंट पाया गया। उसके बाद अगस्त तक इसे स्विटजरलैंड, चीन, कांगो, पुर्तगाल, इंग्लैंड, मॉरीशस, न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी पाया गया। 


बेहद खतरनाक है ये वेरिएंट

वैज्ञानिक कह रहे हैं कि कोरोना वायरस का C.1.2 वैरिएंट बेहद खतरनाक है। इसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट श्रेणी में रखा जा सकता है। वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट ऐसी कैटेगरी है जिसमें शामिल वायरस गंभीर लक्षण वाले इम्यूनिटी को चकमा देने वाले औऱ जांच से बचने की क्षमता दिखाते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि ये वायरस  एंटीबॉडी और इम्यून सिस्टम से खुद को बचा सकता है। 


दोगुनी रफ्तार से फैलने की आशंका, वैक्सीन को देगा चकमा 

कोरोना वायरस के C.1.2 वैरिएंट तो लेकर जो जानकारी मिल रही है इसके मुताबिक इसके संक्रमण की रफ्तार कोराना वायरस के दूसरे वेरिएंट से दोगुनी है. यानि ये ज्यादा क्षति पहुंचायेगा औऱ ज्यादा जल्दी फैल सकता है. वायरोलॉजिस्ट बताते हैं कि कोरोना वायरस का C.1.2 वैरिएंट कोरोना के उस मूल वायरस से काफी अलग है जो 2019 में चीन के वुहान शहर में पाया गया था।


 कोलकाता के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी से जुड़े एक वायरलॉजिस्ट ने कहा कि ये वेरिएंट काफी ज्यादा संक्रामक है और बहुत तेजी से फैल सकता है. गंभीर खतरा ये है कि ये वैक्सीन से बने इम्युन से भी बचा रह सकता है। लिहाजा दुनिया भर में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर भी असर पड़ सकता है।