नक्सलियों ने जारी किया पोस्टर, 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाने का किया आह्वान

नक्सलियों ने जारी किया पोस्टर, 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाने का किया आह्वान

AURANGABAD: औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना के उत्तर कोयल नहर के पास नक्सलियों ने पर्चा छोड़ा है। बढ़ई बिगहा गांव के पास नक्सलियों द्वारा पर्चा छोड़े जाने से इलाके में दहशत का माहौल है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी द्वारा छोड़े गये पर्चे पर यह लिखा है कि 28 जुलाई से 3 अगस्त 2021 तक शहीद सप्ताह मनाया जायेगा।


नक्सलियों द्वारा छोड़े गये पोस्टर में यह निर्देशित किया गया है कि शहीद सप्ताह के मौके पर शहीदों की याद में नतमस्तक होकर शहीदों के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए शपथ लें। पार्टी पीएलजीए और जन संगठन सहित व्यापक जनता शहीद दिवस को जोर-शोर से पालन करें।


नक्सलियों के पर्चे में विश्व सर्वहारा क्रांति के संस्थापक नेता व शिक्षक कामरेड मार्क्स, एंगेल्स, लेनिन, स्टालिन और माओ को लाल सलाम, भारतीय क्रांति के वर्गवीर योद्धा संस्थापक व शिक्षक कामरेड चारु मजूमदार व कामरेड कन्हाई चटर्जी को लाल सलाम लिखा है। 


वहीं स्थानीय मृत नेताओं के लिए अमर शहीद कामरेड पीएनजी, कामरेड बुद्धेश्वर, कामरेड रवि, कामरेड अमरेश, कामरेड शिवपूजन, कामरेड सीता, कामरेड उदय को लाल सलाम, बिहार-झारखंड के वीर शहीदों को लाल सलाम और भारतीय क्रांति में शहीद हुए साथियों को लाल सलाम लिखा गया है।


इस पर्चा के जरीये शहादत की गौरवमयी परंपरा को जारी रखने की बात कही गयी है। शोषणहीन, वर्गहीन समाज निर्माण के लक्ष्य से आगे बढ़ने के लिए शपथ लिए जाने की बात कही गयी है। वही सरकार से ऑपरेशन ग्रीन हंट, मिशन समाधान और जनता के विरुद्ध युद्ध को तत्काल बन्द करने की मांग की है।


हालांकि नक्सलियों की सफाई के लिए प्रशासन द्वारा लगातार अभियान चलाये जा रहे हैं। जिसमें सीआरपीएफ, एसएसबी के साथ-साथ जिला पुलिस के जवान भी सर्च अभियान चला रहे हैं और जंगल व पहाड़ी इलाके की टोह ले रहे हैं। इसके बावजूद नक्सली पोस्टर सामने आना कहीं न कहीं नक्सली गतिविधियों को दर्शाता है। 


इस संबंध में एएसपी अभियान शिव कुमार राव से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं मिली है। लेकिन यदि नक्सलियों द्वारा पोस्टर फेंका गया है तो यह उनके बौखलाहट का परिणाम है। अगर नक्सली समाज के मुख्यधारा से नहीं जुड़ते हैं तो उनका खात्मा तय है। नक्सलियों की धरपकड़ के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जो नक्सली समाज की मुख्य धारा से जुड़ेंगे उन्हें सरकार के सरेंडर पॉलिसी का लाभ मिलेगा।