नाती-दामाद बने श्रवण कुमार, बुजुर्ग दंपति को बहंगी में बिठाकर पूरी की अंतिम इच्छा

नाती-दामाद बने श्रवण कुमार, बुजुर्ग दंपति को बहंगी में बिठाकर पूरी की अंतिम इच्छा

SAMASTIPUR: बुजुर्ग दंपति की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए नाती-दामाद श्रवण कुमार बन गये। इलाके में अब नाती-दामाद की चर्चा खूब हो रही है। दोनों में मिलकर बुजुर्ग दंपति की अंतिम इच्छा पूरी की। दरअसल दोनों बुजुर्ग की अंतिम इच्छा यह थी कि वे सावन की सोमवारी में बाबा भोलेनाथ के मंदिर में जाकर जलाभिषेक करना चाहते थे। उनकी इस इच्छा को नाती और दामाद ने पूरा करके दिखाया है।


 99 साल के लखन साह और 96 साल की बनारसी देवी को उनका नाती और दामाद बहंगी में बिठाकर कंधे पर लेकर बेगूसराय के बछबारा के झमटिया घाट से समस्तीपुर के लिए निकल गये। बुजुर्ग दंपती को बहंगी में बिठाकर चालीस किलोमीटर तक की दूरी पैदल तय की। दूसरी सोमवारी के मौके पर आज नाती धर्मेंद्र साह और दामाद महेश्वर साह समस्तीपुर के थानेश्वर स्थान मंदिर में जलाभिषेक कराया। नाती-दामाद ने बुजुर्ग दंपती की अंतिम इच्छा पूरी की। जलाभिषेक कराने के बाद दोनों को फिर बहंगी में बिठाकर कंधे पर लेकर वापस बेगूसराय के लिए रवाना हो गये। 


बताया जाता है कि बुजुर्ग दंपती लखन साह और बनारसी देवी मुजफ्फरपुर के पीपरी थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। जिन्होंने दामाद महेश्वर साह और नाती धर्मेंद्र कुमार साह को सोमवारी पर जलाभिषेक की अंतिम इच्छा जाहिर की थी। कहा था कि वो चाहते हैं कि मरने से पहले कोई कांवर लेकर जलाभिषेक कराये क्योंकि ऐसा करने में वो लाचार हैं। चलने फिरने में दिक्कत की वजह से वो ऐसा नहीं कर सकते। फिर क्या था दामाद और नाती ने बहंगी बनाया और दोनों को उस पर बिठाया फिर कंधे पर लेकर जलाभिषेक के लिए निकल गये। 


नाती ने अपने नाना-नानी और दामाद ने अपने सास-ससुर की अंतिम इच्छा पूरी की। इस दौरान इस यात्रा में परिवार के कई लोग भी शामिल हुए। उजियारपुर के जवाहरपुर निवासी दामाद महेश्वर साह और नाती धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि झमटिया से शनिवार की दोपहर दो बजे से गंगा जल लेकर निकले थे। रात्रिविश्राम के बाद रविवार की सुबह दलसिंहसराय से निकले और अगले दिन सुबह दूसरी सोमवारी पर बुजुर्ग दंपति ने जलाभिषेक किया। बहंगी में बुजुर्ग दंपति को देख अन्य श्रद्धालु भी हैरान रह गये। जब लोगों को पता चला कि दामाद और नाती दोनों को लेकर जलाभिषेक के लिए पहुंचे हैं तो यह बात जानकर लोगों को भी बहुत आश्चर्य हुआ। लोग चर्चा करने लगे कि नाती दामाद आज के श्रवण कुमार हैं।