नशे में डूबा मुख्यमंत्री का गृह जिला, सरकारी कार्यालय परिसर में मिली शराब की खाली बोतलें और इंजेक्शन

नशे में डूबा मुख्यमंत्री का गृह जिला, सरकारी कार्यालय परिसर में मिली शराब की खाली बोतलें और इंजेक्शन

NALANDA: बिहार में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने की बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करते हैं। पुलिस भी आये दिन छापेमारी कर शराब पीने और बेचने वालों पर कार्रवाई करती है। उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजती है। इसके बावजूद लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आते। सरकारी कार्यालयों के प्रांगण में फेंके गये शराब की बोतले, रैपर और इंजेक्शन इस बात प्रमाण है कि लोग आज भी नशा करते हैं। शराब, गांजा, ड्रग्स, अफीम, स्मैक, कफ सिरप सहित कई तरह नशा लोग अब करने लगे हैं और इसे इस्तेमाल कर इसे ठिकाने लगाने के मकसद से सरकारी कार्यालय परिसर में इसे फेंकने का काम कर रहे हैं। नालंदा में कई सरकारी कार्यालय में यह फेंका हुआ मिला है। 


बता दें कि नालंदा के जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के बड़ी पहाड़ी और छोटी पहाड़ी में 14 जनवरी 2022 को दर्जनों लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई थी। इस घटना के बाद उत्पाद विभाग कुछ दिन तक अपनी चहलकदमी दिखायी और फिर शांत हो गयी। आज भी बिहार शरीफ में धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो रही है। शराब पीने वालों की तादाद बढ़ रही है। 


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा के बिहारशरीफ अनुमंडल कार्यालय परिसर में फेंके गये शराब की कई खाली बोतलें और रैपर को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग आज भी शराब का सेवन करते हैं। सरकारी कार्यालय के प्रांगण में इसके अलावा इंजेक्शन भी फेंका देखा गया। इसके अलावे शहर के कई सरकारी कार्यालय परिसर में भी शराब की खाली बोतल फेंका हुआ नजर आया है। ऐसे में सवाल उठता है की जब बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है तो आखिर शराब की ये खाली बोतले कहां से आ रही है। लोग शराब और ड्रग्स का सेवन कैसे कर रहे है।

नालंदा से राजकुमार मिश्रा की रिपोर्ट