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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 20 Jan 2023 09:13:15 AM IST
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PATNA : पिछले महीने बिहार में जो नगर निकाय चुनाव हुए उसको लेकर अभी भी संशय बरकरार है।इसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला सुनाने जा रही है। जानकारी हो कि बिहार में 18 दिसंबर और 28 दिसंबर को दो चरणों में नगर निकाय चुनाव संपन्न हुए हैं। जिस का रिजल्ट 20 और 30 जनवरी को जारी कर दिया गया। जिसके बाद 13 जनवरी को नवनिर्वाचित नगर निकाय के वार्ड पार्षद, मेयर और डिप्टी मेयर ने शपथ ग्रहण भी कर लिया है। लेकिन अब आज चुनाव से संबंधित मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होनी है। इसमें सरकार की ओर से गठित अति पिछड़ा वर्ग आयोग की योग्यता पर फैसला होना है।
मालूम हो कि पटना हाई कोर्ट की तरफ से नगर निकाय चुनाव पर रोक लगाने के बाद बिहार सरकार की तरफ से अक्टूबर के महीने में अति पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया गया। 2 महीने के भीतर कमेटी अपना रिपोर्ट सरकार को देती, इससे पहले ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को डेडिकेटेड मानने से इनकार कर दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी सरकार उसी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने की अनुशंसा कर दी।
अनुशंसा मिलते ही राज्य निर्वाचन आयोग ने नए डेट की भी घोषणा कर दी और चुनाव करा लिया गया। रिपोर्ट के बाद भी केवल चुनाव का डेट में बदलाव किया गया इसके अलावा इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया। इसके बाद अब आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
आपको बताते चलें कि, 2010 में चुनाव में आरक्षण को लेकर के कृष्णमूर्ति केस चैलेंज हुआ था। केस इस ग्राउंड पर चैलेंज किया गया था कि बिना सर्वे कराए पूरे देश में सरकार द्वारा वोट बैंक बनाने के लिए चुनाव में आरक्षण दिया जा रहा है। इस केस में फैसला ट्रिपल टेक्स्ट को आया और उच्च न्यायालय के फैसले के बाद पीपल टेस्ट को चुनाव में आरक्षण के लिए एक बड़ा पैमाना माना गया।