GAYA: फिर से जातीय गणना कराए जाने को लेकर पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को सर्वेक्षण का काम दोबारा शुरू किया गया। जिसे एक सप्ताह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वही पहले से हो चुके जातीय गणना का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था। लेकिन इस मामले में गया नगर निगम की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
दरअसल बारिश के पानी से जातीय गणना का रिकॉर्ड भीगकर खराब हो गया है। रिकॉर्ड फॉर्म का हाल यह हो गया है कि इसे ठीक से पढ़ा भी नहीं जा सकता। भीगे हुए डॉक्यूमेंट को अब नगर निगम सुखाने में लगा है। मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम के अधिकारियों ने इस काम से जुड़े शिक्षक (प्रगणक) से अपील की है कि वे यह बात किसी को ना बताये सब ठीक हो जाएगा।
बता दें कि प्रगणक फील्ड में जाकर लोगों से जानकारी इक्टठा करते थे और फिर इसे गया नगर निगम में जमा कर देते थे। नगर निगम के अशोक भवन के हॉल में इसे रखा गया था। 70 प्रगणकों ने करीब 5 हजार से अधिक सर्वे रिपोर्ट नगर निगम में जमा कराये थे। जो बारिश के पानी में भीगकर ऐसा हो गया है कि जिसे ठीक से पढ़ा नहीं जा सकता। ये सारे फार्म पानी में भीगकर नष्ट होने के कगार पर है। इस मामले पर नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा ने बताया कि गुरुवार को इसकी जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।