MUZAFFARPUR : चमकी बुखार या एईएस से मुजफ्फरपुर और वैशाली के बच्चों की मौत होते रही है लेकिन इस बार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान चमकी बुखार का कहर देखने को नहीं मिला। कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा हुआ था शायद इस वजह से भी बच्चे घरों से बाहर नहीं निकले और उन पर चमकी बुखार का कहर नहीं टूटा। लेकिन अब मुजफ्फरपुर से जो चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है, वह यह है कि चमकी बुखार ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या कोरोना वायरस के कारण चमकी ने अपना समय बदल लिया है?
मुजफ्फरपुर में अचानक से एईएस के मामले से बढ़ने लगे हैं। एसकेएमसीएच में आज 7 साल की एक बच्ची की एईएस मौत हो गई। एसकेएमसीएच में उसका इलाज चल रहा था। अब तक इस साल चमकी बुखार से 11 बच्चों की मौत हो चुकी है। 7 साल की शिवानी 19 जुलाई को एसकेएमसीएच में भर्ती कराई गई थी। उसके पिता राजन राम के मुताबिक के 15 जुलाई को उनकी बच्ची को बुखार आया था। इसके बाद गांव के ही एक दुकान से उन्होंने बुखार की दवा लेकर बच्ची को दी, पहले तो फीवर उतर गया लेकिन वापस उसे फीवर हो गया। आखिरकार 19 जुलाई को तबीयत बिगड़ने के बाद वह बच्ची को लेकर एसकेएमसीएच पहुंचे और यहां पीकू वार्ड में भर्ती कराया। आज सुबह बच्ची की मौत हो गई। एसकेएमसीएच में आज दोपहर एक और बच्ची को एडमिट कराया गया है जिसमें चमकी बुखार के लक्षण हैं। मुजफ्फरपुर जिले में इस साल अब तक के 25 बच्चे एईएस से पीड़ित हो चुके हैं।
हालांकि बीते सालों के मुताबिक अब चमकी बुखार के मामलों में कमी आई है। एसकेएमसीएच में भी चमकी बुखार को लेकर खास तैयारी रखी गई है। एसकेएमसीएच में शिशु रोग विभाग के डॉक्टरों के मुताबिक एईएस के बढ़ते मामलों के पीछे जुलाई में मौसम के अंदर हुआ बदलाव बड़ी वजह हो सकता है। इस बार उमस भरी गर्मी है और इसलिए एईएस के मामले शायद बढ़ रहे हों। एसकेएमसीएच में अब तक एईएस के 51 किए जा चुके हैं। फिलहाल अस्पताल में चमकी बुखार से पीड़ित ने छह बच्चे एडमिट हैं।