DESK: पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले का खुलासा किया है जिसमें दो शख्स जिंदा लोगों को नहीं बल्कि मुर्दों को लूटने का काम करते थे। यह जानकर लोग भी हैरान हैं कि कोई इस हद तक गिर सकता है। गिरफ्त में आया दोनों शख्स सरकारी एम्बुलेंस का ड्राइवर और खलासी है जो सड़क दुर्घटना में घायल लोगों और मृतक को अपना शिकार बनाया करते थे। पुलिस ने जब पूछताछ की तब दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म स्वीकारा। दोनों ने बताया कि मृतक सुनील कुमार की कीमती सामान और नकदी की चोरी दोनों ने मिलकर की थी। जिसे दोनों के पास से पुलिस ने बरामद भी कर लिया है। उत्तर प्रदेश की इटावा पुलिस ने एक ऐसे गैग का खुलासा किया जो मुर्दों को लूटने का काम किया करता था।
पुलिस ने बताया कि 3 मार्च को कुंवर रविंद्र सिंह नामक व्यक्ति ने थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके भतीजे सुनील सिंह बोलेरो से अपने परिवार के साथ उन्नाव से ग्वालियर जा रहे थे तभी रास्ते में इटावा के बढपुरा इलाके में एक ट्रैक्टर से टक्कर हो गई। इस हादसे में उनके भतीजे की मौत हो गई जबकि अन्य लोग घायल हो गए। परिजनों ने पुलिस को बताया कि मृतक के पास ATM कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, एक चेन और पर्स में रखे 20 हजार रुपये थे जो गायब है। आश्चर्य की बात यह है कि घटना के दूसरे दिन 28 फरवरी को मृतक के पेटीएम से कुल 45 हजार रुपये भी निकाल लिया गया था।
परिजनों की शिकायत के बाद जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो जो बात सामने आई उसे देखकर पुलिस भी हैरान रह गयी। दरअसल शक के आधार पर पुलिस ने एम्बुलेंस के ड्राइवर और खलासी तक पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों के पास से एक मोबाइल, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, दिल्ली मेट्रो कार्ड और 44 हजार 700 रुपये कैश बरामद किया। जिसके बाद दोनों से पूछताछ की गई तब उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार किया। एंबुलेंस के ड्राइवर की पहचान संजीव कुमार के रूप में हुई है जो बढ़पुरा का रहने वाला है जबकि खलासी की पहचान शोभित कुमार के रूप में हुई है जो कन्नौज का रहने वाला है। दोनों इतने शातिर थे कि लाश को भी नहीं छोड़ते थे। लाश को ले जाने के दौरान दोनों मिलकर मोबाइल, कैश सहित कीमती सामान लूट लिया करते थे। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब 27 फरवरी को हुए सड़क हादसे में घायल शख्स की अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई। जब परिजनों को लाश सौंपी गई तब कई सामान और कैंश गायब मिले जिसके बाद इसकी जानकारी पुलिस को परिजनों ने दी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने जब इसकी जांच की तब यह पूरा मामला सामने आया।