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MUNGER: मुंगेर में आज बड़ा हादसा टल गया। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान को लेकर गंगा घाट पर तैनात गोताखोरों ने पांच मासूमों की जिन्दगी बचा ली। पांचों बच्चे गंगा किनारे पानी में अटखेलियां कर रहे थे। खेल-खेल में उन्हें पता ही न चला कि कब वो गंगा के बीच धार में पहुंच गए। बच्चों के चिल्लाने की आवाज सुनते ही स्थानीय गोताखोरों ने बच्चों की जान बचा ली। बताया जाता है कि थर्मोकोल के सहारे तैरते हुए बच्चे बीच मझधार में चले गए थे।
कार्तिक पूर्णिमा को लेकर गंगा घाट पर स्नान करने वालों की भीड़ लगी हुई थी। इसे लेकर मुंगेर जिला प्रशासन ने विभिन्न गंगा घाटों पर एफआरपी वोट पर स्थानीय प्रशिक्षित गोताखोरों की भी तैनाती कर रखी थी। सोमवार को दोपहर 1 बजे सोझी गंगा घाट पर खड़े लोग अचानक चिल्लाने लगे। कहने लगे की बीच मझदार में पांच बच्चे बहे जा रहे हैं। लोगों की यह बात सुनते ही वहां गंगा में गश्ती कर रहे एफआरपी वोट पर तैनात गोताखोर जितेंद्र सहनी ने तुरंत वोट को उन बच्चों कि तरफ रवाना किया।
सभी पांच बच्चे एक थर्मोकोल पर सवार थे और गंगा के तेजधार में बहे जा रहे थे। बच्चे एक छोटे से थर्मोकोल के पटवारा से मांझदार से निकलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वे सफल नहीं हो पाए और बीच में जाकर फंस गये। रेस्क्यू टीम तुरंत उन बच्चों के पास पहुंची और सभी बच्चों को सुरक्षित वहां से निकाला। सभी बच्चों को वोट पर बिठाकर नदी के किनारे लाया गया।
सभी बच्चे गंगा तट से सटे लल्लू पोखर के रहने वाले हैं और आज एक थर्मोकोल की कश्ती बनाकर उस पर सवार होकर गंगा के किनारे खेल रहे थे। लेकिन देखते ही देखते वे गंगा में बहते हुए बीच मंझधार में चले गए। जिसे गोताखोरों की मदद से बचाया गया। इन सभी को उनके परिजनों को सौंपा गया।