DESK : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरूवार को मुंबई पहुंचे हैं। यहां उनके साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और जेडीयू अध्य्क्ष ललन सिंह भी मौजूद रहे। सीएम नीतीश कुमार से मुंबई पहुंचते ही उद्धव ठाकरे ने नीतीश का स्वागत किया। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं ज्यादा से ज्यादा पार्टियां एकजुट हों। केंद्र कोई काम नहीं कर रही है। साथ मिलकर हम देश को आगे लेकर जाएंगे। ये लोग देश का इतिहास मिटा रहे हैं। केंद्र को देश से कोई मतलब नहीं है। अपने तरीके से सब चीजों को बदल रहे हैं। हम सभी पार्टियों के साथ जल्द ही बैठक करेंगे। इसके आगे उन्होंने कहा कि, मैं एकबार फिर से साफ़ कर दूं की मैं पीएम नहीं बनूंगा। नीतीश कुमार से साफ़ शब्दों में कहा कि- "हमको नहीं बनना है और जो भी बनेंगे उसको सपोर्ट करेंगे।"
वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस देश में प्रजातंत्र की रक्षा करना हमारा काम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मैं इस्तीफा नहीं देता तो शायद मैं फिर मुख्यमंत्री बन जाता। मैं मेरे लिए नहीं लड़ रहा, मेरी लड़ाई जनता के लिए, देश के लिए है। राजनीति में मतभेद होते रहते हैं लेकिन हमारा एक मत यह है कि इस देश को बचाना है। इसलिए नीतीश कुमार जी भी यहां आए हैं, हम मिलकर इस भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई को लड़ेंगे।
नीतीश जी तो घूम रहे हैं, कई लोगों से मिल रहे हैं और लोगों को एकजुट कर रहे हैं। ये उनलोगों को मुहं तोड़ जवाब देंगे तो देश को फिर से गुलाम बनाना चाहते हैं।इसके साथ ही उनलोगों को घर भेजने का काम हमलोग करेंगे जो देश की जनता को ठग रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, अगर वर्तमान मुख्यमंत्री यानि शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस में जरा भी नैतिकता होगी तो इस्तीफा देना चाहिए जैसे मैंने इस्तीफा दिया था। लेकिन, भाजपा वालों के अंदर कहीं भी नैतिकता नहीं है, इसका जवाब जनता देगी। इस बार जनता हमारा इंतजार कर रही है और भाजपा को जवाब देने का योजना बना रही है।
मालूम हो कि, विपक्षी एकता के लिए उद्धव ठाकरे और शरद पवार महत्वपूर्ण है। महाराष्ट्र में दोनों नेताओं का वर्चस्व है। ऐसे में उद्धव ठाकरे और शरद पवार अगर विपक्षी एकता में शामिल होने की हामी भरते हैं तो मुख्यमंत्री के इस मुहिम को एक नई ताकत मिलेगी। हालांकि, उद्धव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी एकता को लेकर जो बातें कही है, उससे यह साफ़ हो गया है कि वो नीतीश कुमार की बातों से सहमत है।
जानकारी हो कि, नीतीश साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद रहे। तीन दिन में सीएम का यह तीसरे राज्य का दौरा है, जब वह विपक्ष के नेताओं से मिलने प्रदेश के बाहर गए हैं। नीतीश के पहुंचने से पहले ही मुंबई की सड़कों पर देश मांगे नीतीश वाले पोस्टर देखने को मिले। हालांकि, अब नीतीश कुमार से फिर से साफ़ कर दिया है कि वो खुद पीएम नहीं बनेंगे।
आपको बताते चलें कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता को मजबूत करने के सिलसिले में लगातार अलग-अलग राज्यों में घूम रहे हैं। वहां के नेताओं से मिल रहे हैं। गैर भाजपा पार्टी के नेताओं से पहल कर रहे हैं कि वह विपक्षी एकता में शामिल हो।