AURANGABAD: छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है। सुबह तक मौत का आंकड़ा 73 था शाम होते-होते यह बढ़कर 75 हो गया है। इतने लोगों की मौत से बिहार में हड़कंप मचा हुआ है। विपक्षी पार्टियां इसे लेकर नीतीश सरकार को घेरने में लगी है। बीजेपी इस घटना के लिए सीधे तौर पर नीतीश कुमार को दोषी ठहरा उनसे इस्तीफे की मांग कर रही है। औरंगाबाद से बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है।
राज्य में शराब से हो रही मौत के बाद बीजेपी प्रदेश नेतृत्व के राज्यव्यापी आक्रोश मार्च निकालने का आह्वान किया था। शनिवार को औरंगाबाद में भी औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह के नेतृत्व में आक्रोश मार्च निकाला गया। नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में जहरीली शराब पीने के कारण अब तक 75 लोगों की मौत हो चुकी है।
बिहार सरकार जहरीली शराब पिला-पिला कर बिहार के अलग-अलग हिस्सों एवं जिलों में सामूहिक नरसंहार करा रही है। ऐसा करने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शर्म नहीं आ रही है। नीतीश कुमार बड़ा ही संवेदनहीन बयान देते हैं कि जो शराब पिएगा वह मरेगा ही। इसका मतलब यह है कि राज्य में शराबबंदी है और शराब बिक रही है। मुख्यमंत्री को पता है, फिर भी कुछ नहीं कर रहे हैं।
स दु:खद घटना का सबसे दर्दनाक पहलु यह है कि इसमें मरने वाले लोगों में अधिकतर गरीब हैं। इनके प्रति मुख्यमंत्री की कोई संवेदना नहीं है। पीने वाला पीकर मर गया लेकिन जो इसकी तस्करी एवं अवैध व्यापार कर रहा है, उसके ऊपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। थानों से स्प्रिट गायब कर शराब बनायी जाती है और उसी शराब को पीने से लोग मरते है। औरंगाबाद जिले में भी रिपोर्टेड केस 36 हैं और यहां भी आठ महीने पहले शराब पीने के कारण लोगों की मौतें हुई है।
नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में भी शराब पीने के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने इस गलत कार्य का विरोध करने का फैसला लिया है। अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अंदर थोड़ा भी शर्म बचा है, तो उनको इस्तीफा दे देनी चाहिए और बिहार को बख्श देना चाहिए। बिहार में अराजकता का माहौल है और बिहार में अभी तक हजारों लोगों की मौतें जहरीली शराब से हुई है।
उन्होंने कहा कि सैकड़ों लोगों की आंख की रोशनी गई है और कई लोग अपंग हो गए हैं। इन मौताें के लिए पूरी तौर पर जिम्मेदार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही है। इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। क्योंकि जहरीली शराब पिलाकर वे नरसंहार करवा रहे हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है यह सब जानते हैं। इसलिए उन्हें इस मामले को गंभीरता से लेनी चाहिए।