DELHI: मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और गाजीपुर सीट से बसपा सांसद रहे अफजाल अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में मिली चार साल की सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट से सजा पर सशर्त रोक के बाद उनकी संसद सदस्यता फिर से बहाल होने का रास्ता साथ हो गया है। अफजाल अंसारी न तो लोकसभा में वोट डाल सकेंगे और ना ही भत्ते ही ले सकेंगे हालांकि वे संसद के सत्र में शामिल हो सकेंगे।
दरअसल, गाजीपुर में साल 2005 में मुहम्मदाबाद थाना के बसनिया चट्टी में भाजपा के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या की गई थी। अंसरी ब्रदर्स के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी। कृष्णानंद राय की हत्या उस समय की गई, जब वह भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए थे। जब वह मैच का उद्घाटन कर वापस आ रहे थे, तभी बसनिया चट्टी के पास घात लगाए हमलावरों ने कृष्णानंद राय के काफिले पर एके-47 से 500 राउंड फायरिंग कर भाजपा के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या कर दी थी।
इस मामले में अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी पर 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट से चार साल की सजा होने के बाद अफजाल अंसारी को लोकसभा ने अयोग्य घोषित करते हुए उनकी सदस्यता को रद्द कर दी है। इसी मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई थी और पांच लाख का जुर्माना लगाया था। गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी इस मामले में जमानत पर थे।
अफजाल अंसारी ने कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2007 गैंगस्टर एक्ट मामले में पूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी को बड़ी राहत देते हुए सजा को सशर्त निलंबित कर दिया। SC के इस फैसले के बाद अफजाल अंसारी की सदस्यता बहाल कर दी जाएगी। जिसके बाद वे मौजूदा संसद सत्र में भी शामिल हो सकेंगे। अफजाल अंसारी न तो लोकसभा में वोट डाल सकते हैं और न ही भत्ते ले सकते हैं, लेकिन सदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं।