ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे Bird Flu: बर्ड फ्लू के खतरे के बीच अंडा खाना कितना सेफ? जानिए... एक्सपर्ट की राय Bihar News: स्थगित हुई बिहार के इस विश्वविद्यालय की परीक्षा, नई तिथि को लेकर आया अहम अपडेट Bihar News: पैसे लेकर शराब तस्कर को छोड़ना दारोगा को पड़ा भारी, अब इतने वर्षों तक भुगतना होगा परिणाम Bihar Crime News: लव अफेयर में रोड़ा बन रहे ससुर को बहू ने ठिकाने लगाया, दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर खेला खूनी खेल Bihar Crime News: लव अफेयर में रोड़ा बन रहे ससुर को बहू ने ठिकाने लगाया, दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर खेला खूनी खेल Bihar Transport: बेतिया डीटीओ का ट्रांसफर...करप्शन में लिप्त 'महिला एमवीआई' अब भी कुर्सी पर ! 1.20 लाख की मासिक रिश्वतखोरी का ऑडियो लीक होने पर DM ने कराया था केस, परिवहन विभाग से निलंबन की थी सिफारिश Viral News: AI से प्यार, फिर डेट और अब शादी! महिला ने अपने चैटबॉट बॉयफ्रेंड से की सगाई, वायरल हुआ पोस्ट Viral News: AI से प्यार, फिर डेट और अब शादी! महिला ने अपने चैटबॉट बॉयफ्रेंड से की सगाई, वायरल हुआ पोस्ट

बिहार : मुखिया के अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे, गांव वालों ने चंदा इकट्ठा कर की अंत्‍येष्टि

1st Bihar Published by: Updated Wed, 05 May 2021 04:44:24 PM IST

बिहार : मुखिया के अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे, गांव वालों ने चंदा इकट्ठा कर की अंत्‍येष्टि

- फ़ोटो

KAIMUR : बिहार के कैमूर जिले में मुखिया के निधन के बाद उनके शव के दाह संस्कार के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने चंदा जुटाया और उनका अंतिम संस्कार किया. बताया जा रहा है कि मुखिया के परिजनों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह मुखिया का अंतिम संस्कार कर पाते इसलिए ग्रामीणों ने पैसे जुटाकर मुखिया का अंतिम संस्कार किया. 


घटना कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित सिरबिट पंचायत की बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार, मुखिया शिवमूरत मुसहर का निधन लंबी बीमारी के चलते हो गया. उन्हें सांस से जुड़ी बीमारी थी. इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. लंबे समय से वह सरकार से अनुसूचित जनजाति के लिए बनाई गई कॉलोनी में अपना गुजर-बसर कर रहे थे.जीवनयापन के लिए बीपीएल धारी होने के चलते उन्हें जनवितरण प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक महीने राशन मिलता था. इसी से उनका गुजर-बसर होता था. आय का और कोई अन्य साधन नहीं था. 


मुखिया का सारा काम उनके प्रतिनिधि ही करते थे. वहीं मुखिया के निधन के बाद उनके परिजनों ने मुखिया प्रतिनिधि पर कई आरोप लगाए हैं.  ग्रामीणों की माने तो मुखिया के निधन होने के बाद मुखिया के दाह संस्कार के लिए भी मुखिया के  परिजनों के पास पैसे नहीं थे. स्थानीय कुछ लोगों ने चंदा जुटाकर शिवमूरत मुसहर के शव का अंतिम संस्‍कार किया.