PATNA : अगर सहने के लिए जिंदा हो तो सहो चीखों मत।इसी मध्य प्रदेश में एक आदिवासी भाई के बेटे के मूंह पर किसी समाज दुश्मन ने पेसाब कर दिया। में भाई के मूंह पर किसी मुल्क दुश्मन ने बुरा काम कर दिया। यह बातें जदयू के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियाबी ने कहा है। जिसके बाद से विवाद बढ़ना तय माना जा रहा है।
दरअसल, सीतामढ़ी में जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी ने लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार दोनों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि- हमें आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी चाहिए। बालियावी यही नहीं रुकते हैं आगे उन्होंने कहा कि तीन राज्यों के चुनाव परिणाम ने बता दिया है कि सेकुलर कहलाने वाली पार्टियों के पास अपने जात तक वोट नहीं है सेकुलर कहलाने वाले लोग हमारे वोट पर नेता बन बैठे हैं।
इसके आलावा उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि - कोई यदि अपने पागल बेटे के लिए किसी से हाथ मिला सकता है तो फिर बलीयावी भी अपने बच्चों के लिए किसी से हाथ मिला सकता है। लड़ाई हो की और जरूर होगी। सर्कुलर करने वाले बिरादरी का वोट मेरे बच्चों को नहीं मिलता किसी जगह नहीं मिलता। एक नहीं दर्जनों बच्चे आज हमारे रोड पर हैं।
इसके आलावा उन्होंने खुद को इसके अलावा caa लेकर जदयू नेता ने कहा कि हमें कागज दिखाने की जरूरत नहीं है हमारे बाप दादा यहां 800 वर्षों से रहे हैं। मुगल ही हमारे किसी को भी कागज दिखाने की जरूरत नहीं है। कागज वह दिखाएं जिनको यहां से होने पर शक है।हमारा मुल्क ये है और ये ही रहेगा। बिहार में सर्वे के बाद जो बाते कही जा रही है कि जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी तो इसी के आधार पर जब 12 प्रतिशत वाला उपमुख्यमंत्री बन सकता है तो 18 प्रतिशत वाला क्यों नहीं बन सकता है?
उधर, जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी वाली बातों को लेकर जेडीयू नेता ने कहा कि- जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी है तो अच्छी बात है। बिहार में हमलोगों की 18 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बिहार में जब तीन प्रतिशत वाला हुकूमत बना सकता ह। छह प्रतिशत वाला 4-4 मंत्रालय ले सकता है और 12 से 13 प्रतिशत वाला डिप्टी सीएम से लेकर 9 मंत्रालय ले सकता है तो बलियावी ने तय कर लिया है कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। इस 18 प्रतिशत की हिस्सेदारी स्कूल, कॉलेज, पुलिस, एसपी, डीएम, मेडिकल सभी में लेंगे। ये लड़ाई होनी चाहिए। मुझे कोई क्या देगा, दम होगा तो छाती फाड़कर हिस्सा निकालकर बच्चों को दे दूंग।