PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि हाल के विधानसभा चुनावों में मिजोरम को छोड़कर सभी 4 राज्यों की जनता ने जब क्षेत्रीय दलों को खारिज कर दिया, तब भी बिहार में 44 विधायकों की पार्टी जदयू के नेता प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। मध्य प्रदेश में जदयू के सभी 10 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई।
सुशील मोदी ने कहा कि एक तरफ नीतीश कुमार कहते हैं कि प्रधानमंत्री बनने की उनकी कोई इच्छा नहीं और वे किसी पद के दावेदार भी नहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस की पराजय में अवसर देख कर वे इंडी गठबंधन का नेता बनने के लिए फिर से सक्रिय हो गए। वे पीएम पद की दावेदारी के लिए समर्थकों से बयान भी दिलवाते हैं। अगर नीतीश कुमार की कोई निजी इच्छा नहीं, तो यही बतायें कि वे केंद्र की लोकप्रिय सरकार को हटाना क्यों चाहते हैं?
उन्होंने कहा कि जदयू-राजद केंद्र में चंद्रशेखर देवगौड़ा, गुजराल जैसा कमजोर प्रधानमंत्री और कांग्रेस की बैसाखी पर टिकी सरकार देखना चाहता हैं। नीतीश कुमार का सपना 21 वीं सदी का देवगौड़ा बनना है। क्या नीतीश कुमार ऐसी सरकार चाहते हैं, जो वंशवादी पार्टियों के भ्रष्टाचार की रक्षा करे, आतंकी संगठनों पर नरमी बरते, आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की हिम्मत न करे, धारा- 370 को फिर से बहाल कर पड़ोसी का दुस्साहस बढाये और सनातन संस्कृति का विरोध करती रहे?
सुशील मोदी ने कहा कि विधानसभाओं के चुनाव में हिंदी भाषी राज्यों की जनता ने कांग्रेस की नहीं, पीएम मोदी की गारंटी पर भरोसा किया और जातीय जनगणना के कार्ड को खारिज कर दिया। लालू प्रसाद कांग्रेस की जी-हजूरी में पार्टी के वोट शेयर बरकरार रखने की बात कह रहे हैं, जबकि उन्हें भी पता है कि सरकार वोट शेयर पर नहीं, विजयी विधायकों की संख्या से बनती हैं। तेलंगाना में भाजपा का वोट शेयर बढ़ा और सीटें 1 से 8 हो गईं लेकिन हमारी सरकार नहीं बनी।