PATNA: बिहार में मोहर्रम 11 अगस्त से 20 अगस्त तक मनाया जाएगा। कोरोना महामारी को लेकर गृह विभाग ने सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध पहले से लगा रखा है। 25 अगस्त तक सभी धार्मिक स्थलों को आमलोगों के लिए बंद रखा गया है। राज्य में कोरोना के संक्रमण की स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड ने अलम, ताजिया,सिपर और अखाड़े का कोई जुलूस नहीं निकालने की अपील की है। साथ ही शस्त्र प्रदर्शन और लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं करने की बात कही है। वही किसी भी सार्वजनिक स्थल पर ताधि नहीं रखा जाये तथा अखाड़े का आयोजन नहीं किया जाये।
बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इमामबाड़ा / अजाखाना/ जरीखाना की साफ सफाई, रोशनी, सजावट आदि की जाये लेकिन उसमें लोगों को इकट्ठा नहीं की जायें। इमामबाड़ा / अजाखाना में मजलिस मरसिया नौहा पढ़ने वाले व्यक्ति के अलावा आवश्यक प्रबंध के लिए बहुत सीमित संख्या में ही इमामबाड़ा की प्रबंध समिति के सदस्य सोशल डिस्टेंस के साथ उपस्थित रह सकते हैं। मजलिस / मरसिया / नौहा का प्रसारण जूम एवं अन्य डिजिटल माध्यम से किये जाये। जिसे आम आदमी भी अपने घरों में बैठकर देख व सुन सके।
बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड ने मोहर्रम को लेकर लोगों से यह अपील की है कि इमामबाड़ा में स्थानीय व्यक्तियों को एकत्र होने की अनुमति नहीं दी जाए। अपने अपने घरों में केवल अपने परिवार के सदस्य के साथ सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मजलिस का आयोजन कर सकते हैं। इमामबाड़ी/अजाथानों में मजलिस के बंक का वितरण नहीं किया जाये बल्कि उसका पैकेट बनाकर लोगों के घरों तक पहुंचा दिया जाये तबसक के लिए कहीं भी भीड़ न लगायी जाए। यौमे आशूरा के दिन फूल लेकर जुलूस की शक्ल में कर्बला नहीं जाये बल्कि दो-तीन आदमी किसी वाहन से फूल कर्बला पहुंचा दें। शिया वक्फ बोर्ड ने लोगों से सरकार/ जिला प्रशासन द्वारा दिए गये निर्देशों का शत प्रतिशत पालन करने की बात कही।