PATNA: विधानपरिषद में शुक्रवार को उस समय अजीबोगरीब स्थिति बन गई जब सत्ता पक्ष के विधानपार्षदों ने ही शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा को घेरा. सदस्यों के सवाल का शिक्षा मंत्री के पास कोई जवाब नहीं था. सदस्यों ने शिक्षा मंत्री से यह सवाल ध्यानाकर्षण प्रस्ताव देकर उठाया.
सत्ता पक्ष के सदस्यों ने किया हंगामा
विधानपरिषद में शुक्रवार को सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्षद एक मंच पर आ गए. विधानपरिषद में जब दिलीप कुमार चौधरी, केदार नाथ पाडेय, नवल किशोर यादव और संजय कुमार सिंह ने शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा को घरा तो शिक्षा मंत्री को कोई जवाब नहीं सूझ रहा था. विधानपरिषद में शिक्षा मंत्री घिघियाते रहे, जांच कराकर कार्रवाई करने का भरोसा देते रहे. लेकिन सत्ता पक्ष के एमएलसी उनकी कोई बात सुनने को तैयार नहीं थे. विपक्षी राजद के सदस्य इस दौरान चुपचाप बैठ कर नजारा देख रहे थे. आलम यह था कि शिक्षा मंत्री के जवाब से नाखुश दिलीप कुमार चौधरी सदन के वेल में आ गए.
शिक्षा मंत्री को नहीं सूझ रहा था जवाब
शिक्षा मंत्री ने लाख कोशिश की कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन सदस्य कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे. सदस्यों का साफ कहना था कि जब शिक्षा विभाग के अधिकारी ही सही और गलत का फैसला नहीं कर पा रहे हैं तो आखिर शिक्षा मंत्री किसके खिलाफ जांच कराएंगे.
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
सत्ता पक्ष के सदस्यों के हंगामे के बीच आसन ने भी शिक्षा मंत्री से मामले की जांच कराने को कहा. दरअसल सत्ता पक्ष के सदस्यों का ज्यादा गुस्सा एक कैंसर पीड़ित शिक्षिका के साथ विभाग के अधिकारियों की मनमानी को लेकर था. सदस्यों ने कहा कि मानवीय आधार पर भी उस शिक्षिका के साथ अधिकारियों को नियमों के अनुसार पेश आना चाहिए. सदस्यों ने शिक्षिका के साथ मनमानी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.