PATNA : चकाई के विधायक सुमित सिंह अपने क्षेत्र के विकास को लेकर प्रतिबद्ध हैं. रविवार को उन्होंने कहा कि करीब एक दशक पहले उन्होंने चकाई को चंडीगढ़ बनाने का संकल्प लिया था. उस दिशा में विधायक ठोस कदम उठा रहे हैं. चकाई के माधोपुर स्थित 110 एकड़ में फैला महावीर वाटिका ईको पार्क को उन्होंने बिहार ही नहीं बल्कि देश का सर्वोत्तम पर्यटन स्थल होने का दावा किया है.
रविवार को महावीर वाटिका ईको पार्क पहुंचे स्थानीय विधायक सुमित सिंह ने कहा कि "यह पार्क दर्शाता है कि चकाई-सोनो क्षेत्र में कितनी संभावनाएं हैं. मेरी शुरू से दृष्टि रही है कि चकाई विधानसभा क्षेत्र पर प्रकृति की जो अनुपम कृपा है उसका दोहन न करके सिर्फ सुंदर तरीके से इस्तेमाल हो तो पूरे बिहार ही नहीं, देश का सर्वोत्तम प्रकृति पर्यटन का स्थल बन सकता है. मैं सदैव इसके लिए प्रयासरत था, अब जबकि यह बनकर तैयार हो गया तो इसके सम्पूर्ण संवर्द्धन और इसे राष्ट्रीय-अंतरराज्यीय पर्यटन मानचित्र पर लाने के मकसद से मैं आज इसका स्थल निरीक्षण किया. इसे इस रूप में संवर्द्धित करना है जिससे यह बिहार-झारखंड राज्य के नागरिकों के बीच ही नहीं प्रकृति पर्यटन के प्रति उत्सुक पर्यटकों के लिए नेशनल लेवल पर आकर्षण का केंद्र बने. बिहार झारखंड की सीमा पर देवघर से महज 20-22 किमी दूर है. वहां एयरपोर्ट तैयार हो रहा है, इसके बाद इसके लिए संभवनाएं असीम है."
उन्होंने आगे कहा कि "मैं इसे अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप और बहुत सारी सुविधाओं से सुसज्जित करने की दिशा में प्रयास करूंगा. यहां कैफेटेरिया, थियेटर, महावीर कुंड में भगवान महावीर की प्रतिमा, बर्ड पार्क, झरना बनाने का मांग के साथ इसकी समुचित कार्ययोजना एवं इसकी समुचित ब्रांडिंग के बारे में अपना नजरिया औपचारिक रूप से सरकार से साझा करूंगा. मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत विधायक मद से पार्क में हाईमास्ट लाइट लगवाएंगे. भविष्य में यहां बोटिंग हो, बटरफ्लाई जोन, मधुमक्खी फार्मिंग के लिए भी प्रयास करेंगे. इस पार्क में जो भी आवश्यकता होगी उसे हम प्राथमिकता के तौर पर पूरा करेंगे ताकि अपना चकाई विधानसभा क्षेत्र चंडीगढ़ बनने की ओर अग्रसर हो."
उन्होंने सभी लोगों से अपील किया कि "नए साल में यहां आएं, प्रकृति, मनोरंजन और आनंद के अनुपम समावेश का लाभ जरूर उठाएं. शहरी जीवन में जिस प्रदूषण से हमारा परिवेश नर्क बन रहा है, उससे एक दिन में मुक्त हो सकते है. यहां ऐसे औषधीय पेड़-पौधे हैं, जो आपके मन-प्राण को सुवाषित कर देंगे. इस पार्क में कल्प वृक्ष, रुद्र वन में रुद्राक्ष वृक्ष, त्रिफला वन, कपूर का पेड़, पाम आइलैंड, नेचुरल बायोडायवर्सिटी जॉन, साथ ही साथ यहां मेवाकी तकनीक से वृक्ष लगाया गया है. महावीर आइलैंड है, जिसमें लेक है।परिजात वृक्ष, सागवान, गमहार, कंपा फलदार वृक्ष, रोज़हुड, रबड़ प्लांट, साथ ही जो पेड़ विलुप्त होते जा रहे हैं उन्हें भी यहां जीवंत किया जा रहा है. शिवकुंड जिसमें मछली पालन होता है."
आपको बता दें कि 110 एकड़ में फैले महावीर वाटिका ईको पार्क में प्राकृतिक और आर्टिफिशियल दोनों तालाब है. रुद्रा वन जिसमें भगवान शंकर के पूजन हेतु सभी प्रकार के सामग्री उपलब्ध है. अशोक वाटिका जिसे बंगाल के कारीगरों द्वारा सुसज्जित किया गया है. बच्चों के खेल कूद के लिए झूला आदि लगाया गया है. सेब का वृक्ष भी यहां लगाया गया है जो आने वाले समय मे यहां के लोगों के लिए सेब उपलब्ध होगा. साइकिलिंग का लुत्फ भी यहां उठाया जा सकता है, यहां टोटो वाहन भी उपलब्ध है जिसे पर्यटकों को 80 रुपए में पूरा पार्क घूम सकते हैं. रिसर्च सेंटर, स्पाइस गार्डन, चंदन वन भी है.