DESK : 2018 में मिर्जापुर जहां था, दूसरे सीजन में भी वहीं खड़ा है. अपराध, खून-खराबा, राजनीति, गालियां और सेक्स. मिर्जापुर के पहले सीजन की कहानी के अंत में कई परिवार उजड़ चुके थे. बस कुछ ही बचे थे. जिसमें गुड्डू पंडित, उनकी बहन डिंपी और बबलू की गर्लफ्रेंड गोलू.
इस बार मेकर्स के सामने बड़ी चुनौती थी कि जिस चीज के बारे में दर्शक पहले से ही काफी कुछ अंदाजा करके बैठे हैं उससे इतर उन्हें कुछ नया परोसा जाए. तो आइए बताते हैं कि इस बार मेकर्स ने दर्शकों के सामने क्या कुछ नया किया है.
मिर्जापुर-2 में गुड्डू पंडित और गोलू को अपना बदला चाहिए. गुड्डू पंडित को अब बदला और मिर्जापुर की गद्दी दोनों चाहिए. उधर मुन्ना त्रिपाठी रतिशंकर शुक्ला के बेटे शरद के साथ हाथ मिला लेते हैं. अब शरद को अपने पिता का बदला गुड्डू से चाहिए और मुन्ना अपना अधूरा काम पूरा करना चाहते हैं.रैलियों में मुन्ना सीएम की बेटी से करीबियां बढ़ा लेते हैं जिसका फायदा लेते हुए अखंडा मुन्ना की शादी सीएम की विधवा बेटी से कर देते हैं जो बाद में खुद सीएम बन जाती है.
इस बार कहानी में बिहार के एक गैंग को भी शामिल किया गया है. इधर मुन्ना सीएम के पति बन गए हैं और उधर गुड्डू लाला के साथ हाथ मिलाकर अफीम का व्यापार शुरू कर देते हैं. और इसके आगे की कहानी के लिए आपको सीरीज देखना होगा. हालांकि कहानी खत्म नहीं होती है और आपको अगले कहानी का इंतजार करना पड़ेगा. दमदार कहानी, धांसू डायलॉग्स, के बाद भी मिर्जापुर-2 का कमजोर क्लाइमेक्स आपको निराश करेगा.