मीडिया के सवाल पर भड़के जीतनराम मांझी, कहा- 'हसुआ के बियाह में खुरपी का गीत' मत गाइए

मीडिया के सवाल पर भड़के जीतनराम मांझी, कहा- 'हसुआ के बियाह में खुरपी का गीत' मत गाइए

AURANGABAD: रामचरितमानस पर दिये गये विवादित बयान को लेकर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षण जीतनराम मांझी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर भड़क गये। इस मुद्दे पर मीडिया ने जब उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो जीतनराम मांझी गुस्से में हो गये और बोले कि 'हसुआ के बियाह में खुरपी का गीत' मत गाइए।


दरअसल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) पार्टी के संस्थापक व संरक्षक जीतनराम मांझी औरंगाबाद के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र मदनपुर के सिरौंधा गांव पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम जो कहते हैं वो कहते हैं। उनके पास जो लोग समस्या लेकर आते हैं उसका वे निदान करते हैं। इस इलाके के लोग गाद जमा होने की समस्या लेकर उनके पास आए थे। गाद जमा होने के कारण नहर से सही रूप में पटवन नहीं हो पा रही है। इसी समस्या को देखने के लिए वे आज औरंगाबाद आए हैं।


लोगों की समस्या थी कि गाद जमा होने के कारण मोहम्मदगंज बराज से बहुत कम पानी मिलता है। पहले 3200 क्यूसेक पानी मिलता था। अब 2031 क्यूसेक पानी ही मिल रहा है। इसका समाधान बेहद जरूरी है। इस दौरान पूर्व सीएम जीतनराम मांझी से जब पत्रकारों ने पूछा कि आपकी पार्टी जिस गंठबधन की सरकार में है, उसी गठबंधन की एक पार्टी के नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। चंद्रशेखर के इस बयान पर आप क्या कहेंगे? पत्रकारों के इतना पूछते ही मांझी भड़क गये। सीधे और सपाट लहजे में कह दिया कि हसुआ का बियाह और खुरपी का गीत मत गाइए। जिसके बाद बिना सवाल का जवाब दिये वे वहां से रवाना हो गये। 


बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में रामचरितमानस को समाज में भेदभाव डालने वाला बताया था। उन्होंने कहा था कि मानस में निम्न जातियों के खिलाफ जहर उगला गया है। बताया गया कि नीच जाति के लोग अगर पढ़-लिख लेंगे तो जहरीले हो जाएंगे। इस बयान को लेकर बिहार ही नहीं पूरे देश में राजनीति गरमा गयी है। इसे लेकर चंद्रशेखर के खिलाफ फतवेबाजी भी शुरू हो गई है। इसे लेकर ही पूर्व मुख्यमंत्री से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गयी लेकिन मांझी ने इस मुद्दे पर पल्ला झाड़ लिया।