DESK: 17 दिनों से उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित सुरंग से बाहर निकाल लिया गया। मजदूरों को सुरक्षित सुरंग से बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा ऐलान किया। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार सभी 41 मजदूरों को 1-1 लाख रुपये की राहत राशि देगी। वही टनल के मुहाने पर बाबा बौखनाथ का मंदिर भी बनवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जो भी टनल निर्माणाधीन है सभी की समीक्षा की जाएगी ताकि आगे इस तरह की घटना ना हो। उन्होंने इस अभियान की सफलता का श्रेय दल की तत्परता, अंदर फंसे मजदूरों की जीवटता, तकनीकी सहायता, पीएम मोदी द्वारा पल-पल की निगरानी और बौखनाग देवता की कृपा को दिया। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि धैर्य, परिश्रम और आस्था की जीत हुई है। बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह इस दौरान मौजूद थे। उन्होंने सिलक्यारा सुरंग से बचाए गये श्रमिकों से मुलाकात की।
रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिन मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला गया है वो सभी अलग वातावरण से बाहर आए हैं इसलिए डॉक्टरों की सलाह के अनुसार हम काम करेंगे। पहले डॉक्टरों की में उन्हें रखा जाएगा। उनकी निगरानी की जाएगी। राहत की बात है कि कोई भी मजदूर गंभीर नहीं है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा कि "श्रमिकों व उनके परिजनों के चेहरे की ख़ुशी ही मेरे लिये इगास-बगवाल.. हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में निर्माणाधीन टनल में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। सभी श्रमिक भाइयों का अस्थाई मेडिकल कैम्प में प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। "
"आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संचालित इस चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी ताक़त से जुटी केंद्रीय एजेंसियों, सेना, अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स एवं प्रदेश प्रशासन की टीमों का हृदयतल से आभार। प्रधानमंत्री जी से हम सभी को एक अभिभावक के रूप में मिले मार्गदर्शन एवं कठिन से कठिन स्थिति में उनके द्वारा प्रदान की गई हर संभव सहायता, इस अभियान की सफलता का मुख्य आधार रही। 17 दिनों बाद श्रमिक भाइयों का अपने परिजनों से मिलना अत्यंत ही भावुक कर देने वाला क्षण है। "