PATNA : पाला बदलने की तैयारी कर रहे उद्योग मंत्री श्याम रजक को सरकार और संगठन दोनों से बाहर कर दिया गया है. श्याम रजक को मंत्री पद से वर्खास्त कर दिया गया है. वहीं पार्टी से भी 6 साल के लिए उन्हें निष्कासित कर दिया गया है.
राजभवन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने श्याम रजक को मंत्रिमंडल से हटाने की अनुशंसा भेजी थी. जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है. श्याम रजक बिहार मंत्रिमंडल के सदस्य नहीं रहे. उनके बर्खास्तगी की अनुशंसा पर राज्यपाल की मुहर लग गई है.
उधर, जेडीयू पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि श्याम रजक को 6 सालों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि श्याम रजक लगातार पार्टी विरोधी काम कर रहे थे, लिहाजा पार्टी को ये कदम उठाना पड़ा. सूत्रों की मानें तो श्याम रजक उद्योग विभाग में एक अधिकारी की तैनाती को लेकर नाराज चल रहे थे. पिछले कुछ दिनों से वह अपने दफ्तर भी नहीं जा रहे थे. उन्हें मनाने का भी प्रयास किया गया था. जेडीयू में वे बड़े दलित चेहरा थे. उनके जाने को जेडीयू की बड़ी क्षति माना जा रहा है.
रविवार की सुबह ये खबर सामने आई कि बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक जनता दल यूनाइटेड से नाता तोड़ने की तैयारी में हैैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को वे अपने पद से इस्तीफा देने वाले थे. उससे पहले ही सरकार की ओर से ये एक्शन लिया गया है. श्याम रजक को लेकर ये चर्चा थी कि वे राष्ट्रीय जनता दल में वापसी करने वाले हैं.
श्याम रजक ने मीडिया को बताया कि को वे अपने नए फैसले की घोषणा करेंगे. उनका झगड़ा किसी से नहीं है. लड़ाई विचारधारा की है. उन्होंने कहा कि ''मैैं बाबा साहब भीम राव अंबेडकर और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की तस्वीर के नीचे बैठने वाला आदमी हूं. उनके सिद्धांतों पर आगे बढ़ता हूं.''
साल 2009 में लालू-राबड़ी से मोह भंग करने के बाद श्याम रजक उसी साल जदयू में शामिल हो गए थे लेकिन उप चुनाव में उनको हारना पड़ा. साल 2010 में वो फिर से जदयू के कोटे से विधायक बने और मंत्री बने लेकिन जब रजक 2015 में महागठबन्धन से विधायक बने और तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे तो उनको नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था.
नीतीश कुमार जब राजद का साथ छोड़कर भाजपा के साथ आये तो रजक की कैबिनेट में वापसी हुई. नीतीश ने उनको उद्योग मंत्रालय सौंपा था और पटना का खादी मॉल नीतीश सरकार में रजक के रहते हुए एक बड़ी उपलब्धि कहा जा रहा था. बिहार में विधानसभा के चुनाव दो महीने बाद होने हैं, ऐसे में ये कयास फिर से लगाये जा रहे हैं कि श्याम रजक चुनाव से पहले एक बार फिर से अपने पुराने घर यानी राजद का रूख करेंगे.