मंत्री रामप्रीत पासवान से मिलने पहुंची रेप पीड़िता, बिलख कर बोली.. हुजूर थानेदार गाली देता है

मंत्री रामप्रीत पासवान से मिलने पहुंची रेप पीड़िता, बिलख कर बोली.. हुजूर थानेदार गाली देता है

LAKHISARAI: न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही रेप पीड़िता आज बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंची जहां पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान को घटना की जानकारी दी। इस दौरान पीड़िता और उसकी मां फूट-फूट कर रोई। पीड़िता ने मंत्री रामप्रीत पासवान से न्याय दिलाए जाने की गुहार लगायी। वही पीड़िता से मिलने के बाद मंत्री रामप्रीत पासवान ने तुरंत एसपी को फोन लगाया और मामले में कार्रवाई किए जाने की बात कही। 


दरअसल लखीसराय में दरिंदों ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। घटना के एक महीने हो गये लेकिन उसे आज तक न्याय नहीं मिला। आरोपी की गिरफ्तारी और उसे सजा दिलाए जाने की मांग को लेकर वह दर-दर की ठोकरे खा रही है। वह कभी थाने गयी तो कभी एसपी कार्यालय तो कभी मंत्रियों के जनता दरबार में भी गयी लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि पीड़िता का ना तो केस दर्ज किया गया और ना ही उसकी मेडिकल जांच ही करायी गयी। 


शुक्रवार को दिव्यांग पीड़िता अपनी मां के साथ बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंची थी जहां पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान से मिलकर घटना की जानकारी दी और न्याय दिलाए जाने की मांग की। वही पीड़िता से मिलने के बाद मंत्री रामप्रीत पासवान ने तुरंत एसपी को फोन लगाया और मामले में कार्रवाई किए जाने की बात कही। 

  

बीजेपी प्रदेश कार्यालय से पहले पीड़िता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में भी जाने की कोशिश की थी लेकिन उसे जनता दरबार में जाने नहीं दिया गया। दोनों मां-बेटी को बाहर से ही आवेदन देकर लौटना पड़ गया। पीड़िता ने बताया कि जब वह मोबाइल रिचार्ज कराने गयी थी तभी आरोपी ने उसके साथ मुंह काला किया। पीड़िता ने यह भी बताया कि वह उसे पहचानती है लेकिन घटना के एक महीने बाद भी ना तो एफआईआर दर्ज की गयी और ना ही मेडिकल ही करायी गयी। ऐसे में जब एफआईआर ही दर्ज नहीं हुआ तब आरोपी की गिरफ्तारी का सवाल ही नहीं उठता है। 


आरोपी आज भी खुल्लेआम घूम रहा है लेकिन उसकी गिरफ्तारी आज तक नहीं हो पाई है। जब इस मामले पर कार्रवाई की मांग पीड़िता करती है तब थानेदार गाली देकर भगा देता है। पुलिस इस मामले को भूमि विवाद का मामला मान पल्ला झाड़ रही है। पीड़िता इससे पहले तीन बार एसपी कार्यालय में मदद की गुहार लगाने गयी थी लेकिन वहां भी किसी ने नहीं सुना। हल्सी थाने का भी कई बार उसने दरवाजा खटखटाया लेकिन वहां से असफलता ही मिली।