मंत्री पद की रेस से बाहर हुए सुशील मोदी ने बता दी बिहार में विकास की हकीकत, सवा दो साल में पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर एक फीसदी हुआ काम

मंत्री पद की रेस से बाहर हुए सुशील मोदी ने बता दी बिहार में विकास की हकीकत, सवा दो साल में पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर एक फीसदी हुआ काम

PATNA : केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के पहले बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के नाम की चर्चा खूब हो रही थी. माना जा रहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार में बिहार से सुशील मोदी को बीजेपी कैबिनेट में शामिल कर सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बिहार से आने वाले आरसीपी सिंह और पशुपति पारस को ही कैबिनेट में जगह मिल पाई. बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव भी केंद्रीय मंत्री बन गए. लेकिन सुशील मोदी इंतजार करते रह गए. केंद्रीय कैबिनेट में जगह नहीं मिलने के बाद सुशील मोदी ने अपना पूरा ध्यान बिहार के विकास और उसकी रफ्तार को समझने पर लगा दिया है. उसी कड़ी में सुशील मोदी ने पटना मेट्रो रेल का निर्माण करा रहे दिल्ली मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के एमडी मंगू सिंह और डायरेक्टर दलजीत सिंह से मुलाकात की.



दिल्ली मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के इन अधिकारियों से मुलाकात के बाद सुशील कुमार मोदी को यह मालूम पड़ा कि पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की जमीनी स्थिति क्या है. सवा दो साल पहले साल 2019 में पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया था. इसके बाद लंबे अरसे तक के इस प्रोजेक्ट पर कोई काम नहीं हो सका. बीते साल विधानसभा चुनाव के पहले सितंबर महीने में पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का कार्य प्रारंभ किया गया. लेकिन सुशील मोदी ने जो जानकारी साझा की है, उसके मुताबिक के प्रोजेक्ट पर अब तक फिजिकली 1 फ़ीसदी काम ही हो पाया है. 10 महीने के दौरान एक फीसदी काम भौतिक रूप से और 3.1 फीसदी वित्तीय प्रगति के तौर पर सामने है.


सुशील मोदी ने खुद ट्वीट करते हुए जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास 17 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. लेकिन अब तक प्रोजेक्ट की रफ्तार बेहद सुस्त है. पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के डिपो यानी रेल इंजन और कोच के रखरखाव के लिए 20 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है, जो अब तक उपलब्ध नहीं हो पाया है. सुशील मोदी ने बताया है कि जमीन अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार पर तकरीबन एक हजार करो रुपए का खर्च आएगा. डिपो निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है लेकिन जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण निर्माण का काम शुरू नहीं हो पाया है.


दरअसल पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के निर्माण का जिम्मा दिल्ली मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को दिया गया है. उनके अधिकारियों से मुलाकात के बाद सुशील मोदी ने कई ऐसे खुलासे किए हैं, जो यह बताता है कि बिहार में डबल इंजन की सरकार होने का दावा करने वाली नीतीश सरकार अब तक मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर कछुए की रफ्तार से काम कर रही है.