मनोज झा मामले को दो जातियों की लड़ाई बनाने में लगा राजद? शिवानंद तिवारी के बाद ऋषि मिश्रा को मैदान में उतारा, आनंद मोहन का नाम लेने से भी डर

मनोज झा मामले को दो जातियों की लड़ाई बनाने में लगा राजद? शिवानंद तिवारी के बाद ऋषि मिश्रा को मैदान में उतारा, आनंद मोहन का नाम लेने से भी डर

PATNA: राजद के सांसद मनोज झा की कविता पर मचे बवाल को राजपूत बनाम ब्राह्मण की लड़ाई बनाने की कवायद शुरू हो गयी है. राजद ने अपने ब्राह्मण नेताओं को मनोज झा के समर्थन में उतारना शुरू कर दिया है. बुधवार को शिवानंद तिवारी ने मनोज झा के समर्थन में बयान दिया. आज राजद के प्रदेश प्रवक्ता ऋषि मिश्रा को मैदान में उतारा गया. ऋषि मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर मनोज झा की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है. दिलचस्प बात ये है कि राजद के प्रवक्ता ऋषि मिश्रा को पूर्व सांसद आनंद मोहन का नाम लेने में भी डर लगा.


बता दें कि राजद की जंबोजेट प्रदेश कमेटी में ब्राह्मण जाति से आने वाला कोई पदाधिकारी नहीं है. ऋषि मिश्रा को पार्टी के प्रवक्ता बना रखा है, जो पदाधिकारियों की सूची में नहीं आते. आज पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर ऋषि मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि कई नेता मनोज झा को धमकी दे रहे हैं, ऐसे में उन्हें तत्काल वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जानी चाहिये.


आनंद मोहन का नाम लेने से भी डर

राजद के प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने अमित शाह को जो पत्र लिखा है, उसमें सिर्फ भाजपा नेताओं द्वारा धमकी दिये जाने का जिक्र किया गया है. पत्र में लिखा गया है-“मनोज कुमार झा, सांसद, राज्यसभा पर जिस तरह से जानलेवा हमला करने की धमकी दी जा रही है, यह चिंता का विषय है. धमकी देने वालों में भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने गर्दन तक काटने की बात कही है. पूर्व सांसद ने तो जीभ काट कर आसन तक फेंकने तक की बात कही है. पूर्व मंत्री सह विधायक नीरज बबलू ने भी जीभ काटने की धमकी दी है. इस आक्रोश और तलखी भरे वक्तव्य से मनोज झा जी को जान को खतरा भी हो सकता है.”


राजद के प्रवक्ता ऋषि मिश्रा के इस पत्र की खास बात ये है कि उन्होंने आनंद मोहन का नाम तक नहीं लिया. आनंद मोहन ने खुलेआम मनोज झा की जीभ काटने की बात कही लेकिन राजद के प्रवक्ता ने उनका नाम नहीं लिखा. मनोज झा के खिलाफ सबसे पहले मोर्चा खोलने वाले राजद विधायक चेतन आनंद का नाम भी पत्र में कहीं नहीं है. ना ही जेडीयू के संजय सिंह से लेकर सुनील सिंह जैसे नेताओं का नाम है.


ब्राह्मण बनाम राजपूत की लड़ाई

राजद सूत्रों की मानें तो मनोज झा मामले को ब्राह्मण बनाम राजपूत की लडाई बनाने की कोशिश की जा रही है. वह भी ऐसे जिससे कि बीजेपी को नुकसान हो. एक दिन पहले भी राजद ने ब्राह्मण जाति से आने वाले अपने नेता शिवानंद तिवारी को मैदान में उतारा था. शिवानंद तिवारी ने खुलकर मनोज झा का समर्थन किया था. अब ऋषि मिश्रा को सामने लाया गया है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि राजद के प्रदेश संगठन में ब्राह्मण जाति का एक भी पदाधिकारी नहीं है.