PATNA: मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में सरकार ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को मंज़ूरी दे दी है। अब बिहार के सभी नियोजित शिक्षक विशिष्ठ शिक्षक कहलाएंगे। उन्हें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित एक मामूली परीक्षा को पास करना होगा। इसके बाद सरकार उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देगी।
महागठबंधन की सरकार ने नियोजित शिक्षकों को न्यू ईयर से पहले बड़ा गिफ्ट दिया है। बिहार सरकार के इस फैसले के बाद नियोजित शिक्षकों में खुशी की लहर देखी जा रही है। नीतीश सरकार के इस फैसले पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला तो मैंने अपनी सरकार में ही ले लिया था।
लेकिन उस वक्त नीतीश कुमार ने उस फैसले को गलत बताकर रद्द कर दिया था। नियोजित शिक्षको को राज्यकर्मी का दर्जा देकर आज एक बार फिर CM ने बता दिया कि मेरा हर फैसला राज्यहित में था। जीतनराम मांझी ने नीतीश को “क्रेडिटखोर” CM कहा। उनका कहना है कि नीतीश कुमार हमेशा क्रेडिट लेने के फिराक में रहते हैं।
बता दें कि मंगलवार को मुख्य सचिवालय में नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक में कुल 29 एजेंडों पर मुहर लगी। नीतीश सरकार ने बिहार के करीब 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला लिया है। कैबिनेट की बैठक में सरकार ने शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी है।
लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की महागठबंधन सरकार ने बड़ा फैसला लिया था। अब बिहार के करीब पौने चार लाख शिक्षकों को सरकार राज्यकर्मी का दर्जा देगी। लंबे समय से नियोजित शिक्षक संघ इसकी मांग कर रहा था। चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार ने बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला और नियोजित शिक्षकों की मांग पूरी कर दी।
आज हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को मंज़ूरी दे दी। अब बिहार के सभी नियोजित शिक्षक विशिष्ठ शिक्षक कहलाएंगे। उन्हें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित एक मामूली परीक्षा को पास करना होगा। इसके बाद सरकार उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दे देगी।
बीते दो नवंबर को गांधी मैदान में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा एलान किया था। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि बिहार के सभी नियोजित शिक्षकों को एक सामान्य परीक्षा लेकर सरकारी राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा। सीएम नीतीश ने मंच से ही शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक को खाली पदों पर दो महीने के भीतर भर्ती करने का निर्देश दिया था और कहा थी कि राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर देंगे।