PATNA: गुजरात में वर्षों बाद राज्य सरकार द्वारा शराबबंदी में छूट देने के बाद बिहार में भी इसको लेकर मांग उठने लगी है। हमेशा से शराबबंदी पर सवाल उठाने वाले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी में छूट की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कर दी है। जीतन राम मांझी ने कहा है कि आवश्यक्ता के मुताबिक शराब का सेवन फायदेमंद होता है बिहार में भी गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी लागू हो। नीतीश कुमार की शराबबंदी बिहार में 900 चूहे खाकर हज जाने वाली बात है।
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा है कि शराब एक पेय पदार्थ हैं और आवश्यक्ता अनुसार इसका सेवन फायदेमंद होता है। इस बात को हम पहले से कह रहे हैं। खासकर जो गरीब और कामगार लोग होते हैं, वे कड़ी मेहनत करते हैं। उनके एक तय मात्रा में शराब पीना जरूरी होता है। इसी बात को कहते हैं तो लोग तरह-तरह की बात करते हैं। गुजरात सरकार को धन्यवाद देते हैं कि गिफ्ट सिटी के नाम पर उन्होंने आज शराब को खोल दिया है। सरकार ने यह फैसला इसलिए किया कि बाहर से व्यापार करने वाले लोग गुजरात आते हैं तो उससे राज्य को राजस्व की प्राप्ति होती है।
मांझी ने कहा कि शराबबंदी के कारण बिहार में आज पर्यटन विभाग पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। सरकार कागजी बात दिखाकर दावा कर रही है कि पर्यटन व्यापार आगे बढ़ा है। बोधगया में ही बाहर से लोग आते हैं और दिनभर घूमने के बाद वापस बनारस, कोलकाता और हजारीबाग चले जाते हैं। अगर वहां शराब मिलती तो शायद वहां आज जो फॉरेन एक्सचेंज मिल रहा है उससे दस गुना अधिक फॉरेन एक्सचेंज मिलता।
उन्होंने कहा कि बिहार में भी गुजरात मॉडल की तरह शराबबंदी होनी चाहिए। सभी लोग चाहते हैं कि शराबबंदी हो लेकिन चादर को उतना ही फैलाना चाहिए कि चादर फटे नहीं लेकिन नीतीश कुमार सौ चूखे खाकर बिल्ली चली हज करने वाली बात करते हैं। 2005 से 2010 तक बिहार के घर घर में शराब बेचवाया और आज कहते हैं कि वे शराब के बहुत बड़े विरोधी हैं। नीतीश कुमार को गुजरात सरकार से सबक लेकर जिस तरह से गिफ्ट सिटी संस्था के जरिए शराब को फ्री किया गया है, बिहार में उसी की तर्ज पर शराबबंदी लागू हो।