मंगल पांडेय ने पेश किया कोरोना टेस्ट का आंकड़ा, बोले- झूठ और गलत बोलना तेजस्वी की आदत है

मंगल पांडेय ने पेश किया कोरोना टेस्ट का आंकड़ा, बोले- झूठ और गलत बोलना तेजस्वी की आदत है

PATNA :  बिहार में आज पहली बार 24 घंटे के भीतर एक लाख कोरोना टेस्ट हुए. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से बिहार में कोरोना जांच को लेकर लगाए जा रहे आरोपों का जवाब स्वास्थ्य मंत्री मगल पांडेय ने दिया है. मंगल पांडेय ने मीडिया के सामने आंकड़े पेश करते हुए तेजस्वी को झूठा करार दिया है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी गैरजिम्मेदाराना और गलत बयान देते हैं.


मंगल पांडेय ने कहा कि मैं तेजस्वी को बताना चाहता हूं कि बिहार में 11 जुलाई से रैपिड टेस्ट से कोरोना की जांच शुरू की गई. इससे पहले राज्य में रैपिड टेस्ट से जांच नहीं हो रही थी. इससे पहले सूबे में आरटीपीसीआर और ट्रू नेट से जांच हो रही थी. मंगल पांडेय ने कहा कि सीएम नीतीश ने आरटीपीसीआर और ट्रू नेट की जांच संख्या 20 हजार तय किया है, जिसपर काम चल रहा है.


हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि अभी तक बिहार में 16 मशीनों से कोरोना की जांच आरटीपीसीआर और 105 मशीनों के सहारे ट्रू नेट के माध्यम से की जा रही है. भारत सरकार की ओर से 9 और आरटीपीसीआर मशीन मिलने वाले हैं. इसके अलावा बिहार सरकार के द्वारा 10 आरटीपीसीआर मशीन और मंगाए जा रहे हैं. इन मशीनों को बिहार के मेडिकल कॉलेजों में लगाया जायेगा. जिससे जांच की क्षमता बढ़ेगी.


सीएम नीतीश ने पीएम मोदी से दो कोवास-8800 मशीन बिहार को उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. जिससे प्रतिदिन जांच की संख्या 7200 और बढ़ जाएगी. क्योंकि एक दिन में उससे 3600 जांच हो जाते हैं. इससे पहले पीएम के साथ बैठक के बाद सीएम नीतीश ने कहा था कि नीतीश ने कहा कि हमलोग प्रतिदिन 75 हजार से अधिक सैंपल की जांच कर रहे हैं, लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण जांच आरटीपीसीआर जांच है जो अभी 6100 ही किया जा रहा है. इसकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. 5 और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था की जा रही है, जिससे जांच की संख्या 2300 और बढ़ जाएगी.


पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से हुई बैठक में यह टारगेट सीएम नीतीश की ओर से तय किया गया था. जो आज पूरा हो गया. सीएम नीतीश मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमलोगों का लक्ष्य है कि प्रतिदिन 1 लाख से अधिक सैंपल की जांच हो. बिहार में हम सभी लोगों की टेस्टिंग कराना चाहते हैं, जिससे कोरोना संक्रमितों की पहचान कर उनका बचाव किया जा सके. जिसे बिहार ने पूरा कर लिया है.