Bihar IPS Officers: बिहार से दिल्ली जा रहे 2 आईपीएस अफसर, बिहार सरकार ने किया रिलीज, जानें... Corrupt CO Bihar : बिहार सरकार के भ्रष्ट CO प्रिंस राज के घर छापेमारी में डिग्री फर्जीवाड़ा उजागर, पिता ने क्या कहा? Gaya development News: बिहार के इस जिले में 15.66 करोड़ में 102 योजनाओं का मंत्री ने किया शिलान्यास इस फोरलेन के बनने से कम होगी बिहार से झारखंड की दूरी, इन जिलों को भी मिलेगा फायदा National Herald: नेशनल हेराल्ड पर बोले डिप्टी सीएम सम्राट... “कांग्रेस ने देश को लूटा, आजादी के सेनानियों का किया अपमान” Success Story: बिना कोचिंग के बिहार की बेटी UPSC क्रैक कर बनीं IAS, दूसरे प्रयास में हासिल किया 208 रैंक प्रेमिका से मिलने की सजा: घरवालों ने सेविंग ब्लेड से काटा युवक का प्राइवेट पार्ट, अस्पताल में ज़िंदगी-मौत की जंग Amrit Bharat Station Scheme: अमृत भारत योजना के तहत जमालपुर और नव-निर्मित मुंगेर स्टेशन का डीआरएम मनीष गुप्ता ने किया स्थलीय निरीक्षण Bihar Education News: महिला शिक्षक को परेशान करना शराबी BEO को पड़ा महंगा, पहले जेल फिर निलंबन, जेल से निकलते फिर हुए सस्पेंड Bengal violence: कांग्रेस सांसद का बीजेपी ,आरएसएस पर हमला, कहा... बंगाल की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण, देश में फैलाना चाहते हैं धार्मिक उन्माद
11-Dec-2023 09:49 PM
By Dhiraj Kumar Singh
JAMUI: बिहार के जमुई जिले में बेटे की चाहत में एक महिला ने एक नहीं बल्कि पांच बेटियों की मां बन गयी। महिला को पहले से दो बेटियां है इस बार उसने यह सोचा कि बेटा होगा लेकिन भगवान के मर्जी के सामने किसी की नहीं चलती। महिला ने इस बार तीन बेटियों को एक साथ जन्म दिया। लेकिन इससे परिवार के लोगों में खुशी की जगह मायूसी देखने को मिल रही है।
मामला जमुई के खैरा प्रखंड के मांगोबंदर गांव का है जहां की रहने वाली 27 वर्षीया बिंदू देवी ने एक साथ 3 बेटियों को जन्म दिया है। बेटे की आस में बिंदू देवी अब पांच बेटियों की मां बन गयी है। उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वह किसी तरह मजदूरी करके परिवार का पेट पालती हैं। अब बिन्दू इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित है कि इन बच्चियों का वह भरण पोषण कैसे करेंगी।
बिंदू का कहना है कि उसे ना तो सरकारी की ओर से राशन मिलता है और ना ही कोई अन्य सुविधाएं ही उसे नसीब है। बता दें कि बिन्दू की शादी 10 साल पहले दिलचंद मांझी से हुई थी। उसका पति मजदूरी करता है वो किसी तरह से दो बेटियों का पालन पोषण कर रहे थे लेकिन इस बार बेटे की चाहत में तीन और बेटियों का जन्म हुआ है अब यह चिंता खाये जा रही है कि वे पांचों बेटियां की परवरिश कैसे करेंगे। कैसे इन्हें अच्छी शिक्षा देंगे।
नवजात तीनों बच्चियां और उनकी मां बिन्दू देवी स्वस्थ हैं. इन्हें खैरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखा गया है जहां सभी की देखभाल की जा रही है। सवाल यह उठता है कि एक ओर हम दो हमारे दो की बात सरकार करती है और समय-समय पर लोगों को जागरुक भी करती है लेकिन क्यों नहीं लोग इस पर अमल करते हैं। लोगों में आज भी जागरुकता का अभाव देखने को मिलता है। बिंदू देवी इसका जीता जागता उदाहरण है जो बेटे की आस में आज पांच बेटियों की मां बन गयी हैं।
समाज को यह कब समझ में आएगा कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं होता है। सरकार बेटा और बेटी के बीच फर्क मिटाने की कोशिश करती है लेकिन इसके बावजूद लोगों के मन में यह बना रहता है कि बेटा घर का चिराग होता है और हर किसी को बेटा होना चाहिए। जरूरत हैं बिंदू देवी जैसी अन्य महिलाओं को जागरूक करने की जिससे बेटा और बेटी का फर्क मिट सके। सरकार को भी चाहिए कि बिंदू देवी जैसी लाचार महिला तक मदद पहुंचाएं। उन्हें राशन कार्ड मुहैया कराया जाए व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिले।