महिला की मौत के बाद आपस में उलझे हिंदू-मुस्लिम बेटे, अम्मी और मां के अंतिम संस्कार की लड़ाई है दिलचस्प

महिला की मौत के बाद आपस में उलझे हिंदू-मुस्लिम बेटे, अम्मी और मां के अंतिम संस्कार की लड़ाई है दिलचस्प

LAKHISARAI: बिहार के लखीसराय से एक ऐसा मामला सामने आया है जो किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं है। यहां एक महिला की मौत के बाद उसके दो बेटे आपस में भीड़ गए। एक बेटा हिंदू है जबकि दूसरा मुस्लिम। दोनों अपने धर्म के रीती रिवाज के अनुसार अपनी अम्मी/मां का अंतिम संस्कार करना चाहते थे। मामला जिले के चानन प्रखंड व थाना क्षेत्र के जानकीडीह गांव का है। महिला का एक बेटा मोहम्मद मोफिल है, जबकि दूसरे का नाम बबलू झा है।  



आइए आपको बता दें, पूरा मामला क्या है। दरअसल, मृतक महिला रायका खातून की शादी एक मुस्लिम से हुई थी लेकिन उसके पहले पति ने उसे छोड़ दिया था। उस पति से महिला के दो बेटे हुए थे। एक मोहम्मद मोफिल, दूसरा मोहम्मद सोनेलाल। बाद में एक ब्राह्मण राजेंद्र झा को रायका खातून से प्यार हो गया और उसने महिला से हिंदू रीती रिवाज से शादी कर ली। हालांकि, उन्होंने कभी महिला का न तो धर्म परिवर्तन कराया और न ही अपना धर्म उनके ऊपर थोपा। शादी के बाद दोनों को एक बेटा बबलू और एक बेटी तेतरी हुई। 




राजेंद्र झा अपनी पत्नी रायका खातून को लेकर एक दूसरे गांव में चला गया और चारों बच्चों के साथ रहने लगा। स्थानीय लोग कोई विवाद न करें इसके लिए राजेंद्र झा ने अपनी पत्नी को हिंदू का नाम रेखा देवी दे दिया। हालांकि वे अपने धर्म को ही मानती थी और अपने पति के धर्म की भी इज्ज़त करती थी। लेकिन मंगलवार को उनकी मौत हो जाने के बाद मुस्लिम बेटा और हिंदू बेटा आपस में भीड़ गया। एक का कहना था कि अम्मी का अंतिम संस्कार मुस्लिम रीती रिवाज से हो जबकि एक कह रहा था कि मां का हिन्दू रीती रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। 




 बाद में सूचना पाकर एएसपी सैयद इमरान मसूद मौके पर पहुंचे और दोनों बेटों को समझाया-बुझाया। वहीं, अब इस कहानी की चर्चा जिलेभर में हो रही है। जो लोग राजेंद्र झा और रायका खातून उर्फ़ रेखा देवी की प्रेम कहानी नहीं जानते थे अब वे लोग भी इस लव स्टोरी को जान गए हैं।