PATNA : पूरे देश के साथ-साथ बिहार में भी कोरोना की तीसरी लहर उफान पर है. बिहार में लगातार मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है, लेकिन तीसरी लहर में एक बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. ज्यादातर लोग खुद में आए लक्षण को मामूली सर्दी जुकाम समझकर कोरोना से कतरा रहे हैं. यही वजह है कि टेस्टिंग के लिए लोग अब अस्पतालों का रुख नहीं कर रहे हैं इसकी वजह से सही सही आंकड़े भी बिहार में नहीं आ पा रहे और अब तीसरी लड़ाई खतरनाक स्तर की तरफ से आगे बढ़ने लगी है बिहार में पहली बार तीसरी लहर के दौरान 1 दिन में 7 कोरोना मरीजों की मौत हुई है.
कोरोना की तीसरी लहर भले ही पिछली लहर डेल्टा के मुकाबले कमजोर हो, लेकिन यह इतनी कमजोर भी नहीं कि लोगों के लिए मुश्किल खड़ी ना कर पाए. यह अलग बात है कि वैक्सीनेशन के कारण इसका असर जरूर थोड़ा कमजोर है. इस सबके बावजूद विशेषज्ञों की राय में अगर लक्षण दिख रहे हैं तो कोरोना टेस्ट करा लेना जरूरी है. और उसके बाद ही सही ट्रीटमेंट ली जानी चाहिए. हालांकि लोग इसे लेकर लापरवाह ज्यादा दिख रहे हैं. यही वजह है कि अब एक बार फिर तीसरी लहर में भी मौत का सिलसिला शुरू हो गया है मंगलवार को जिन 7 लोगों की मौत हुई उनमें पीएमसीएच में एक, एनएमसीएच में तीन, आईजीआईएमएस में एक, पटना एम्स में एक और साई हॉस्पिटल में एक मरीज शामिल है। इस लहर में पहली बार 24 घंटे के अंदर पटना में 7 मौतें हुईं.
उधर डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के बीच तीसरी लहर का फैलाव जारी है. मंगलवार को इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के दो डॉक्टर, स्टाफ समेत 20 मरीज संक्रमित हुए है. पटना एयरपोर्ट पर 12 पॉजिटिव मिले. इनमें एयर इंडिया के 3 स्टाफ भी हैं. इनके अलावा एयरपोर्ट के 3 स्टाफ, दिल्ली से आए दो यात्री, एयरपोर्ट टर्मिनल भवन के एक साइट इंजीनियर, नाइपर हाजीपुर के एक कर्मी के साथ ही पटना कॉलेज के पास रहने वाली दो बहनें की भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. पटना एम्स में भी 14 डॉक्टर संक्रमित पाए गए हैं इसके अलावे पीएमसीएच में भी साथ डॉक्टर संक्रमित हुए हैं.