महागठबंधन में घमासान बढ़ा: जेडीयू ने तेजस्वी को चेताया- गठबंधन के लिए सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे, चंद्रशेखर का बयान बर्दाश्त नहीं

महागठबंधन में घमासान बढ़ा: जेडीयू ने तेजस्वी को चेताया- गठबंधन के लिए सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे, चंद्रशेखर का बयान बर्दाश्त नहीं

PATNA : रामचरित मानस पर आपत्तिजनक बयान देने वाले मंत्री का बचाव कर रहे तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने आधिकारिक बयान जारी कर जवाब दे दिया है. चंद्रशेखर के बयान के बाद संविधान की दुहाई दे रहे तेजस्वी यादव को जेडीयू ने पूरा संविधान समझाया है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने सोमवार की शाम पार्टी का आधिकारिक स्टैंड क्लीयर किया-हम धर्म विशेष पर दिये गये आपत्तिजनक बयान का विरोध करते हैं. हमारा चाहे किसी भी दल के साथ गठबंधन हो, हम अपने सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं करेंगे. दिलचस्प बात ये है कि सोमवार को ही नीतीश कुमार अचानक से जेडीयू के प्रदेश कार्यालय पहुंच गये थे. वहां प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से नीतीश कुमार की गुफ्तगू हुई थी और उसके बाद ये बयान जारी किया गया.

राजद को चेतावनी

बता दें कि रामचरित मानस पर मंत्री चंद्रशेखऱ के आपत्तिजनक बयान के बाद राजद ने खुलकर अपने मंत्री का समर्थन किया था. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आधिकारिक तौर पर कहा कि पार्टी चंद्रशेखर के साथ खडी है. तेजस्वी यादव भी मंत्री चंद्रशेखऱ का बचाव कर रहे हैं. तेजस्वी यादव ने चंद्रशेखर के खिलाफ बोलने वाले जेडीयू नेताओं को जनाधारविहीन नेता करार दिया. इसके बाद जेडीयू ने इशारों में ही सही राजद को चेतावनी दी है.


कुर्सी के लिए सिद्धांतों से समझौता नहीं 

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने अपने बयान में साफ कहा है कि हम चाहे किसी भी दल के साथ गठबंधन में हों, अपने मूलभूत सिद्धांत से कभी समझौता नहीं करते. जहां तक धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या का प्रश्न है तो जनता दल यूनाइटेड का मानना है कि यह धर्म गुरुओं का काम है, राजनेताओं का काम नहीं है. यही कारण है कि हम किसी भी राजनेता द्वारा धर्म विशेष पर दिए गए आपत्तिजनक बयान का विरोध करते रहे हैं. हमारी पार्टी कभी भी धर्म एवं जाति को राजनीतिक लाभ के लिए प्रयोग नहीं करती और यह हमारा ट्रैक रिकार्ड रहा है.

जेडीयू राजद जैसी पार्टी नहीं

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने इशारो में ये भी समझाया कि नीतीश कुमार की पार्टी राजद जैसी पार्टी नहीं है. उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जदयू को पार्टी विद डिफरेंस के नाम से जाना जाता है.  श्री राम चरित मानस पर शिक्षा मंत्री के बयान पर जेडीयू का स्टैंड क्लीयर है. जेडीयू देश के संविधान के प्रति अटूट आस्था रखती है जो इसे अन्य दलों से अलग करती है. जेडीयू ने अपने सहयोगी दल को समझाया है- हमारी विचारधारा संविधान के समर्थन में पूरे तौर पर सख्त है. जदयू धर्म एवं जाति की राजनीति नहीं करती ही नहीं बल्कि संपूर्ण जमात की राजनीति करती है. नीतीश कुमार के इसी गुण के कारण राष्ट्रीय स्तर पर उनकी एक अलग पहचान बनी है और वे राजनीतिक शुचिता के प्रतीक बन चुके हैं.

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने 1984 में ही ये निर्देश दिया था कि राजनीति को धर्म से अलग रखा जाना चाहिये. जेडीयू कोर्ट के इस आदेश का कठोरता से पालन के पक्षधर है. देश के संविधान में धर्मनिरपेक्षता का पूरा विवरण दिया गया है. देश के मूल संविधान में अनुच्छेद 25 से 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार शामिल हैं. संविधान में धर्म निरपेक्षता को और भी स्पष्ट करने के लिए 42वें संविधान संशोधन द्वारा पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़े गए, जिसका तात्पर्य ही है सभी धर्मों का सम्मान करना. जेडीयू की आस्था रामायण, महाभारत, कुरान शरीफ, बाइबल एवं गुरु ग्रंथ साहिब सभी में है और वह सभी धर्मावलंबियों के आस्था का सम्मान करती है.  


तेजस्वी को पढाया गया पाठ

जेडीयू के इस आधिकारिक बयान में किसी नेता का नाम नहीं लिया गया है लेकिन पार्टी ने संविधान की व्याख्या तब की है जब पिछले दो दिनों से तेजस्वी यादव संविधान की दुहाई दे रहे थे. तेजस्वी संविधान की दुहाई देकर ये कह रहे हैं कि मंत्री चंद्रशेखर को बोलने की आजादी है. तेजस्वी ये भी कह रहे हैं कि जेडीयू के जो नेता चंद्रशेखर या राजद के खिलाफ बोल रहे हैं, उनका कोई मोल नहीं है. इसके बाद ही जेडीयू की ओऱ से आधिकारिक बयान आया है. 

कुल मिलाकर कहें तो महागठबंधन की गाठें उलझने लगी है. राजद के मंत्री चंद्रशेखर का रामचरित मानस के खिलाफ बयान और राजद के खुले समर्थन के पीछे का सियासी मकसद साफ है. लेकिन जेडीयू ने जो स्टैंड लिया है उसके बाद राजद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.