PATNA : लॉकडाउन में लोगों को क्या-क्या दिन नहीं देखने पड़ रहे । घर मे दूल्हा बारात लेकर पहुंचता है तो उसकी खूब खातिरदारी होती है। पूरे बारातियों को सर आंखों पर रखा जाता है। लेकिन ये सिलसिला कुछ घंटों का होता है। लेकिन जब कोई बारात 47 दिनों तक घर पर ठहर जाए तो अच्छे-अच्छों की तिमारदारी करते हालत पतली हो जाएगी। पटना सिटी में कुछ ऐसा ही हुआ । बारात लॉकडाउन में फंसी तो फिर 47 दिन बाद ही दुल्हा-दुल्हन की बारात समेत विदाई हो सकी।
आलमगंज के मिस्का टोली के जैसमीन परवीन की बारात 22 मार्च को कोलकाता से पटना आयी थी। कोलकाता के मोहम्मद असलम से उनका निकाह हुआ। लेकिन शादी के तुरंत बाद लॉकडाउन का एलान हो गया फिर क्या था बाराती समेत दूल्हा-दुल्हन सब फंस गये बारात विदा नहीं हो सकी। कोलकाता से आए 28 बाराती पटना में ही फंस गये। बारात में आये कुछ लोगों के रहने की व्यवस्था लड़की वालों ने करायी। जबकि कुछ लोगों ने अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर समय काटा। देखते-देखते 47 दिन बीत गये।
इस बीच दूल्हा और दुल्हन के परिवार वाले बारातियों के लौटने के लिए पास के इंतजाम के लिए दौड़ते रहे लेकिन कोई जुगाड़ नहीं हुआ। अब शनिवार को बारातियों को बस से जमुई के लिए रवाना किया गया। जमुई से पश्चिम बंगाल सरकार की मदद से बस के द्वारा उनको कोलकाता ले जाया जाएगा। लड़के के चाचा मो. गुलाम हुसैन ने बताया कि खुशी हो रही है कि हम लड़की को घर लेकर जा रहे हैं। उन्होनें डीएम कुमार रवि और जिला प्रशासन की तरफ से इफ्तार और खाने-पीने की चीजों के लिए धन्यनाद दिया।