लॉकडाउन के बाद हाईकोर्ट में एलपीए दायर करेगी बिहार सरकार, शिक्षक नियोजन प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी

लॉकडाउन के बाद हाईकोर्ट में एलपीए दायर करेगी बिहार सरकार, शिक्षक नियोजन प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी

PATNA : शिक्षक बहाली को हो जाए तैयार। जी हां बिहार सरकार लॉकडाउन खत्म होते ही शिक्षक बहाली की प्रकिया शुरू करने जा रही है। इसके लिए बिहार सरकार पटना हाईकोर्ट में एलपीए दायर करेगी। कोरोना संकट के बीच हाईस्कूलों में छठे चरण की बहाली प्रक्रिया रोक दी गयी थी।


छठे चरण में लगभग 10 हजार शिक्षकों की बहाली होनी है। कई जिलों में अभ्यर्थियों की अंतिम सूची तैयार हो चुकी है। 71 हजार प्रारंभिक स्कूलों में 90763 प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया कोरोना संक्रमण के पहले ही (11 फरवरी) स्थगित कर दी गई थी।दरभंगा में सबसे अधिक रिक्ति 8244 है। शिवहर में सबसे कम 337 पद रिक्त हैं। मुजफ्फरपुर में 4806, गया में 2502, पटना में 2272 और भागलपुर में 2012 रिक्ति है।


कक्षा 1से 5 तक के लिए सामान्य विषयों में 46870 पद रिक्ति हैं। उर्दू शिक्षकों के 14662 और बंगला के 135 पद रिक्त हैं। कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाओं के लिए गणित व विज्ञान विषय में 6919, हिन्दी में 5734, संस्कृत में 4499, अंग्रेजी में 3687, उर्दू में 2739 और सामाजिक विज्ञान में 2536 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।विभिन्न नियोजन इकाइयों के जरिए प्राइमरी स्कूल में 90763 शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया चल रही थी। इसमें कक्षा एक से पांच तक के लिए 63951 शिक्षक और कक्षा 6 से 8 तक 26811 शिक्षकों का नियोजन होना है। विभिन्न जिलों में पंचायत व प्रखंड स्तर पर मेधा सूची भी तैयार हो चुकी थी। अंतिम मेधा सूची में चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच के बाद नियोजन पत्र प्रखंड स्तर पर कैंप लगाकर देना है।


इस बीच प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने बताया कि लॉकडाउन खत्म होते ही हाईकोर्ट में एलपीए दाखिल कर बहाली प्रकिया शुरू करने की अनुमति मांगी जाएगी। दरअसल हाइकोर्ट ने एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड उत्तीर्ण को भी नियोजन में शामिल करने के लिए कहा था। तब शिक्षा विभाग ने एनसीटीई के निर्देश का हवाला दिया था, जिसमें शिक्षक बहाली के लिए अभ्यर्थी का न्यूनतम दो साल का डीएलएड प्रशिक्षित होना अनिवार्य है। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार एलपीए दाखिल करने की तैयारी कर रही थी, तभी लॉकडाउन हो गया था।