बैलगाड़ी के लिए नहीं था दूसरा बैल तो खुद महिला ने कंधे पर उठाया भार, बैल की जगह खुद खींचती रही गाड़ी

बैलगाड़ी के लिए नहीं था दूसरा बैल तो खुद महिला ने कंधे पर उठाया भार, बैल की जगह खुद खींचती रही गाड़ी

DESK: लॉकडाउन ने इंसान को क्या से क्या बना दिया है. घर जाने के लिए एक परिवार निकला, लेकिन जाने के लिए उसके पास कोई साधन नहीं था. बैलगाड़ी तो था, लेकिन एक बैल नहीं था. जिसके बाद महिला ने एक बैल की जगह पर खुद कंधा दिया और सड़क पर उसको खींचती रही. यह दर्दनाक सीन मध्य प्रदेश के इंदौर का है.

बताया जा रहा है कि इंदौर का एक परिवार लॉकडाउन के कारण फंस गया था. आर्थिक तंगी के कारण उसने घर जाने का फैसला किया. वह महू से इंदौर के लिए निकल पड़ा. बैलगाड़ी पर सामान को रख दिया. लेकिन असली परेशानी एक बैल को लेकर थी, लेकिन महिला और पुरूष ने फैसला किया कि एक बैल के जगह पर वह लोग खुद चलेंगे. 

महिला के साथ जा रहे युवक ने बताया कि बैलगाड़ी में बैठे दो लोग उसकी भाभी और भाई हैं. वे लोग महू से इंदौर के पत्थर मुंडला गांव के लिए निकले थे. उसके पास एक ही बैल है. ऐसे में मजबूर और क्या करता था. इसलिए परिवार के लोग ही इस गाड़ी को खींच रहे हैं. अगर बैल को छोड़ भी देते तो कौन खिलाता है. इसी तरह से 30 किमी का सफर तय किया.