Bihar Politics : LJPR की बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट महारैली स्थगित, जानिए क्या रही वजह और अब कब होगा आयोजन

Bihar Politics : LJPR की बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट महारैली स्थगित, जानिए क्या रही वजह और अब कब होगा आयोजन

PATNA : केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने 28 नवंबर को गांधी मैदान में आयोजित बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट संकल्प महारैली को स्थगित कर दिया है। यह जानकारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने दी है। उन्होंने बताया कि बिहार में चार विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव और अन्य राज्यों में विधानसभा के चुनाव को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की व्यस्तता के कारण यह निर्णय लिया गया है।


दरअसल, कुछ दिन पहले ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के माध्यम से पत्र जारी किया गया था जिसमें पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को बताया गया था कि स्थापना दिवस के मौके पर 28 दिसंबर को पटना के गांधी मैदान में "बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट" महारैली होगी। उसके बाद अब इसे स्थगित कर दी गयी है। इसके पीछे की वजह बताया गया कि बिहार में 26 नवंबर से 3 दिसंबर तक पैक्स चुनाव होने हैं। उसके साथ साथ बिहार के चार विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के साथ अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों में राष्ट्रीय अध्यक्ष की व्यस्तता रहेगी। शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेस कान्फ्रेंस करके इसकी विधिवत जानकारी दी।


राष्ट्रीय अध्यक्ष से विचार विमर्श करते हुए यह महारैली अब आगामी वर्ष फरवरी या मार्च महीने में किया जाएगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की खबर के मुताबिक आगामी 28 नवंबर को पार्टी अपना स्थापना दिवस पटना स्थित कार्यालय में ही मनाएगी। तीन सालों के बाद चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान के पुराने कार्यालय में स्थापना दिवस मनाएंगे।


लोजपा में विभाजन के बाद पटना एयरपोर्ट के पास स्थित यह कार्यालय चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस गुट राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के कब्जे में थी। लेकिन भवन निर्माण विभाग की ओर से आवंटन रद्द कर दिए जाने के बाद रालोजपा ने दो दिन पहले इस परिसर को खाली कर दिया था। लोक जनशक्ति पार्टी(रा) को आवंटित कर दिया गया था। उसके बाद शुक्रवार को चिराग पासवान ने इस कार्यालय में प्रवेश किया। व्हीलर रोड स्थित यह कैंपस साल 2004 में लोजपा को आवंटित किया गया था। रामविलास पासवान का लंबा राजनैतिक संघर्ष यहीं से चला।