PATNA : संसद के मानसून सत्र के शुरुआत के साथ ही लगभग 25 सांसद कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद पशुपति कुमार पारस की भी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। उन्हें फिलहाल इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है। जहां डॉक्टरों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है।
लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इन्हें इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है। इनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। हाल के दिनों में अपने कांटेक्ट में आने वाले लोगों से इन्होंने कोरोना टेस्ट कराने का आग्रह किया है। आपको बता दें कि पशुपति कुमार पारस लोजपा के टिकट पर हाजीपुर सीट से चुनाव जीते थे। इन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार शिवचंद्र राम को 2 लाख से भी अधिक वोटों से हराया था।
संसद के मानसून सत्र से पहले लगभग 25 सांसद कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जिसमें लोकसभा के 17 और राज्यसभा के 8 सांसद की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की बात सामने आई है। इन सभी सांसदों का टेस्ट 13 और 14 सितंबर को संसद भवन में ही कराया गया था। आपको बता दें कि मिली जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा भारतीय जनता पार्टी के 12 एमपी पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा लोजपा, शिवसेना, कांग्रेस और डीएमके आदि के भी सांसदों को संक्रमित पाया गया है।
इतना ही नहीं संसद भवन में कराए गए कोरोना टेस्ट में 50 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसमें सांसद के अलावा सरकारी अफसर, कर्मचारी और पत्रकार भी शामिल हैं। आपको बता दें कि ये टेस्ट इसलिए कराया गया क्योंकि मानसून सत्र के शुरू होने से पहले ही यह नियम बनाया गया था कि सभी सांसदों और कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही इन्हें पार्लियामेंट के कैम्पस में एंट्री दी जाएगी।
आपको बता दें कि शायद इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि सांसदों को अपनी सीटों पर बैठकर बोलने की इजाजत दी गई। सांसदों को अपनी सीट पर बैठकर बोलने की अनुमति देते हुए, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा, 'इस मानसून सत्र में सभी सासंद पहले अपनी सीटों पर बिना खड़े हुए बोलेंगे। ऐसा कोविड -19 महामारी को देखते हुए किया जा रहा है।'
स्पीकर ओम बिड़ला ने ये भी बताया कि यह इतिहास में पहली बार है, जब निचले सदन की कार्यवाही के दौरान कई लोकसभा सदस्य राज्य सभा में बैठेंगे। उच्च सदन की कार्यवाही के दौरान राज्यसभा सदस्यों को लोकसभा में बैठने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित किए गए हैं और अधिकतम डिजिटलाइजेशन किया गया है। सदन की कार्यवाही हर दिन केवल चार घंटे के लिए होगी।