PATNA : नीतीश सरकार के खिलाफ मानव कतार बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा अब धीरे-धीरे लिफ्ट के साथ राइट होने लगे हैं। आरजेडी की उपेक्षा ने कुशवाहा को वामदलों के करीब पहुंचा दिया है। यही वजह है कि कुशवाहा अब वामदलों की तरफ से बुलाए गए 29 जनवरी के भारत बंद को समर्थन देंगे। कुशवाहा ने कहा है कि उनकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी 29 जनवरी को बामसेफ की तरफ से बुलाए गए भारत बंद का समर्थन करेगी।
वहीं आरएलएसपी सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा ने एक बार फिर सरकार पर हमला भी बोला है। उन्होनें कहा कि दो फरवरी को उन्होनें जगदेव प्रसाद के जयंती की तैय़ारी की थी। मिलर स्कूल के प्रांगण में कार्यक्रम की तैयारी थी लेकिन सरकार के इशारे पर जानबूझ कर मैदान नहीं दिया गया। उन्होनें कहा कि सरकारी संपत्ति किसी की बपौती नहीं है। इस तरह से राजनीति करना सही नहीं है। उन्होनें सीएम नीतीश कुमार को इस मामले में हस्तक्षेप करने की नसीहत भी दी।
रही बात महागठबंधन के अंदर उपेन्द्र कुशवाहा लगातार खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।उन्हें महागठबंधन के अंदर ख्वाहिश पूरी होती नहीं दिख रही है। कुशवाहा विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों की चाहत रखते हैं। लेकिन उनकी ये मंशा पूरी होती नहीं दिख रही है। बार-बार आरजेडी नेता तेजस्वी यादव महागठबंधन के अंदर उनकी पार्टी की हैसियत का अहसास भी कराते रहे हैं। यहीं देख कर अब कुशवाहा प्रेशर पॉलिटिक्स की राह पर चल पड़े हैं।तेजस्वी ने जिस तरह से सीएए-एनआरसी के विरोध आयोजित भारत बंद के वक्त कुशवाहा की अनदेखी की थी उससे कुशवाहा अब सेफ गेम खेलना चाहते हैं। कुशवाहा ने सीएए-एनआरसी के खिलाफ बिहार भर की यात्रा भी की लेकिन इसमें उन्हें अपने सहयोगी पार्टियों का तनिक भी साथ नहीं मिला। अंत:त कुशवाहा ने अब वाम दलों का साथ पकड़ा है।