PATNA: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि रेलवे की नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को भले ही नियमित जमानत मिल गई है लेकिन किसी को बरी नहीं किया गया है। इस मामले में सजा से कोई बच नहीं सकता। ईडी के पास गरीबों की जमीन लिखवाने और मनी लांड्रिंग के पुख्ता सबूत हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि जो लोग काले धन को छिपाने या उसे वैध सम्पत्ति दिखाने का अपराध करने वालों को पीड़ित बताने के लिए घर की महिलाओं को फंसाने का विलाप करते रहे, वे बताएं कि इन महिलाओं ने रेलवे में चौथी श्रेणी की नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी से 60 लाख की कीमती शहरी जमीन दान में क्यों ले ली?
उन्होंने कहा कि हृदयानंद चौधरी ने पटना के पास दानापुर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत महुआ बाग की 3375 वर्गफीट भूमि तेजस्वी यादव की पांचवीं बहन हेमा यादव को मुफ्त में दान क्यों कर दी? क्यों चौधरी ने ही स्टाम्प ड्यूटी के तौर पर 6.28लाख रुपये भी स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में जमा कराये थे? राबड़ी देवी और हेमा यादव को जो जमीन दान में मिली थी, उसे बाद में राजद के एमएलसी अबू दोजाना की कंपनी से करोड़ों में बेच दिया गया। ईडी मनी लांड्रिंग के इस मामले की जांच कर रही है।
सुशील मोदी ने कहा कि कहा कि राबड़ी देवी को 31 लाख रुपये मूल्य की और हेमा यादव को 62 लाख की जमीन दान में देने वाले ललन चौधरी विधान परिषद् में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी को लालू परिवार के काले धन और बेनामी सम्पत्ति को सफेद करने का जरिया बनाया गया। यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव इन तथ्यों पर जनता का विश्वास क्यों नहीं प्राप्त करते?