PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जेल से रिहा हो गए हैं. चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता लालू यादव की रिहाई के बाद आरजेडी के नेताओं और समर्थकों में ख़ुशी की लहर है. लेकिन दुःख की बात ये भी है कि लालू फिलहाल बिहार नहीं आ रहे हैं. वह दिल्ली के एम्स में ही अपना इलाज कराएंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को अभी पटना लाने ओर सहमति नहीं बनी है. सूत्रों की मानें तो एम्स में लालू का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने भी इस बात से मना किया है कि राजद सुप्रीमो को कहीं और ले जाया जाये. ये भी खबर सामने आ रही है कि लालू फिलहाल अपनी बेटी और सांसद मीसा भारती के आवास पर भी नहीं जायेंगे. जब तक डॉक्टर राजी न हों, तब तक लालू को एम्स में ही रखने की बात सामने आ रही है. आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव इस दौरान काफी लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे, जिस वजह से शुरूआत में उन्हें रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था जब स्थति में सुधार नहीं हुआ तो बाद में उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया.
गौरतलब हो कि इसके पहले गुरुवार को लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने सीबीआइ कोर्ट में 30 लाख जुर्माना में से 10 लाख रुपये जमा किया. उसके बाद सीबीआई कोर्ट से रिलीज आर्डर जेल भेज दिया गया. जेल प्रबंधन ने आर्डर एम्स प्रबंधन को मेल कर दिया. उसके बाद वे जेल से निकल गये. उनकी रिहाई के ऑर्डर गुरुवार को ही दिल्ली एम्स भेज दिए गए थे, जहां उनका इलाज चल रहा है. अब एम्स को रिहाई के ऑर्डर की हार्ड कॉपी भी मिल गई है.
आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव सीबीआई की विशेष अदालत ने दो धाराओं पर 7-7 साल की सजा सुनाई थी, कोर्ट ने दोनों सजा को अलग अलग काटने का आदेश दिया था. गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ताओं ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में आधी सजा पूरा हो जाने की दलील पेश करते हुए याचिका दायर की थी और उसी मामले में कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया. हालांकि उससे पहले सीबीआई ने ये दावा किया था कि लालू प्रसाद यादव की आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है. लेकिन इसके बाद हुई 17 अप्रैल को हुई सुनवाई में लालू को जमानत मिल गयी और आज वे रिहा हो गये.
लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े मामले में 18 अप्रैल को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिली. कोर्ट ने दो शर्तें रखी हैं. पहली शर्त ये है कि जमानत के दौरान लालू हाईकोर्ट से परमिशन लिए बिना देश से बाहर नहीं जाएंगे. यानी कि वह अपना ठिकाना नहीं बदलेंगे. दूसरी शर्त ये है कि वे अपना मोबाइल नंबर और पता भी नहीं बदलेंगे.