लालू-तेजस्वी पर और कसा शिकंजा: ED ने अमित कात्याल को हिरासत में लिया, इसी ने तेजस्वी-राबड़ी के नाम कर दी थी अपनी पूरी कंपनी

लालू-तेजस्वी पर और कसा शिकंजा: ED ने अमित कात्याल को हिरासत में लिया, इसी ने तेजस्वी-राबड़ी के नाम कर दी थी अपनी पूरी कंपनी

PATNA: रेलवे में नौकरी देने के नाम जमीन लेने के मामले में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पर ईडी का शिकंजा कस गया है. ईडी ने आज अमित कात्याल नाम के कारोबारी को पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया है. ये वही अमित कात्याल है, जिसने राबडी सरकार के समय पटना में बीयर की फैक्ट्री लगायी थी. बाद में उसने अपनी कंपनी एके इंफोसिस्टम को तेजस्वी यादव औऱ राबड़ी देवी के नाम कर दिया था. तेजस्वी-राबड़ी की इस कंपनी के पास अकूत जमीन है.


रेलवे में लैंड फॉर जॉब मामले की जांच कर रही ईडी ने कई दफे अमित कात्याल नाम के कारोबारी को समन भेजा था. लेकिन अमित कात्याल ने ईडी के सामने पेश होने के बजाय कोर्ट में अपने खिलाफ जारी जांच को रोकने की अर्जी लगायी थी. 6 दिन पहले अमित कात्याल को राहत देने से इनकार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि वह नी लॉन्ड्रिंग के तहत समन जारी करने के स्तर पर ईडी की जांच प्रक्रिया को दबा नहीं सकता है. ईडी की जांच को रोका नहीं जा सकता है. इसके बाद आज अमित कात्याल ईडी के सामने पेश हुआ, जहां पूछताछ के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया है.


अमित कात्याल का लालू फैमिली से लिंक समझिये

अमित कात्याल वही कारोबारी है जिसने राबड़ी देवी की सरकार के पटना के बिहटा में बियर की फैक्ट्री लगायी थी. ईडी और सीबीआई का आरोप है कि इसी कारोबारी के जरिये लैंड फॉर जॉब का खेल हुआ और कात्याल की करोड़ों की संपत्ति तेजस्वी के नाम कर दी गयी. जांच एजेंसियों के मुताबिक राबड़ी देवी के शासनकाल में अमित कात्याल की कंपनी ने बिहटा में आइसबर्ग इंडस्ट्रीज बियर फैक्ट्री लगाई थी. बाद में इसी अमित कात्याल ने अपने नाम पर एके इन्फोसिस्टम कंपनी नामक कंपनी बनायी. इस कंपनी के नाम पर अकूत संपत्ति अर्जित की गयी और फिर एक दिन अचानक से  लालू परिवार इस कंपनी का मालिक हो गया.


जांच एजेंसियों के मुताबिक वर्तमान में एके इंफोसिस्टम नाम की कंपनी के सारे शेयर राबड़ी-तेजस्वी के पास हैं. इस कंपनी का काम केवल जमीन खरीदना है. एके इन्फोसिस्टम के पास 221 डिसमिल के 21 भूखंड हैं. आरोप है कि रेलवे में नौकरी देने के नाम लालू प्रसाद यादव ने कई ऐसी जमीन ली, जिसकी रजिस्ट्री एके इंफोसिस्टम नाम की कंपनी के नाम करायी गयी. बाद में ये कंपनी राबड़ी-तेजस्वी की हो गयी तो जमीन भी उन्हीं का हो गया.


तेजस्वी के आलीशान मकान में हेडक्वार्टर

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में फंसे तेजस्वी यादव के दिल्ली के आलीशान बंगले की बार बार चर्चा होती रही है. दिल्ली के पॉश इलाके न्यू फ्रेंड्स कालोनी में तेजस्वी यादव का डी-1088 नंबर का चार मंजिला मकान है. चर्चा ये होती रही है कि इस आलीशान बंगले की कीमत 150 करोड़ है. दिल्ली का यही  आलीशान मकान एके इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्टर्ड कार्यालय है.  इसी कंपनी को पटना के हजारी राय नामक व्यक्ति ने पटना में 9527 स्कावयर फीट जमीन रजिस्ट्री की थी. आरोप है कि हजारी राय के परिजनों को रेलवे में नौकरी दी गयी थी. हजारी राय के दो भतीजे दिल चंद्र कुमार और प्रेम चंद्र कुमार को जबलपुर और कोलकाता में रेलवे में 2006 में नौकरी मिली थी. 2014 में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी एके इंफोसिस्टम कंपनी के मालिक बन गए थे. ईडी सूत्र बता रहे हैं कि अमित कात्याल से पूछताछ में बेहद अहम सुराग हाथ लगे हैं. इसे रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लालू परिवार के खेल का खुलासा हो सकता है.