ब्रेकिंग न्यूज़

ISM पटना में छात्र परिषद शपथ ग्रहण समारोह, 17 छात्र प्रतिनिधियों ने ली बड़ी जिम्मेदारी SAHARSA: मणिकांत हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दो ने कोर्ट में किया सरेंडर बिहटा चेन स्नैचिंग कांड का खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार PURNEA: जानकीनगर पुलिस ने 12 घंटे में चोरी की घटना का किया खुलासा, दो गिरफ्तार बड़हरा की तीर्थ यात्रा पहल को नई गति, नथमलपुर से अयोध्या के लिए रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था विद्या विहार विद्यालय में अलंकरण समारोह, पूर्व छात्र IPS प्रवीन प्रकाश बने मुख्य अतिथि चुनाव से पहले एसपी का निरीक्षण, मीरगंज में सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा Bihar Politics: ‘वोट चोरी से प्रधानमंत्री बनें हैं नरेंद्र मोदी’ आरजेडी सांसद संजय यादव का बड़ा हमला हैदराबाद में सनातन महाकुंभ: सिंदूर महायज्ञ का हुआ आयोजन Bihar News: बिहार में यहां बनने जा रहीं दो फोरलेन सड़कें, पथ निर्माण विभाग ने भेजा डीपीआर; खर्च होंगे 201 करोड़

‘लालू से गठबंधन कर नीतीश ने गंवाया सुनहरा मौका’ पीएम पद की दावेदारी पर बोले उपेंद्र कुशवाहा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 24 Sep 2023 03:03:33 PM IST

‘लालू से गठबंधन कर नीतीश ने गंवाया सुनहरा मौका’ पीएम पद की दावेदारी पर बोले उपेंद्र कुशवाहा

- फ़ोटो

PATNA: जेडीयू के वरिष्ट नेता और बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी द्वारा नीतीश की पीएम उम्मीदवारी को लेकर किए गए खुलासे के बाद इसको लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। महेश्वर हजारी ने दावा किया था कि नीतीश कुमार विपक्ष के पीएम उम्मीदवार होंगे और गठबंधन में इसको लेकर सभी चीजें तय हो चुकी है। हजारी के इस दावे पर उपेंद्र कुशवाहा ने सवाल उठाया है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि नीतीश प्रधानमंत्री बन सकते थे लेकिन उन्होंने लालू से गठबंधन कर सुनहरा मौका गंवा दिया है।


जदयू नेता और विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी के दावे पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं, यह वे खुद भी मानते थे लेकिन नीतीश कुमार ने लालू की पार्टी राजद से गठबंधन कर अपनी अहमियत को कम कर लिया है। बिहार की जनता अब नीतीश कुमार से नाराज हो चुकी है और नीतीश ने अपना अवसर गंवा दिया है। नीतीश कुमार अगर प्रधानमंत्री बनने की सोच रहे हैं तो वह मूर्खता होगी। जदयू को यह सोचना भी गुंजाइश नहीं है कि प्रधानमंत्री नीतीश कुमार बन सकते हैं। नीतीश कुमार खुद आगे मुख्यमंत्री नहीं रहने की घोषणा कर चुके हैं।


वहीं उन्होंने राबड़ी देवी के वैश्य समाज को लेकर दिए गए बयान पर कहा कि राबड़ी देवी ने जो बात कही वो आरजेडी की आदत है। राबड़ी देवी के बयान से लोगों को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। नीतीश कुमार राजद से जब मिलने गए थे तब उन्हें रोकने की कोशिश की थी लेकिन वे नहीं माने। आरजेडी से गठबंधन के बाद जदयू का अस्तित्व खत्म होने वाला है, जदयू को कोई अब बचा नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि राजद के साथ उपेंद्र कुशवाहा कभी खड़ा नहीं हो सकता है। आरजेडी की सरकार पूर्ण रूप से आने पर बिहार के व्यवसाययों को सबसे ज्यादा दिक्कत होगी।


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए में है लेकिन दोनों पार्टियों की विचारधारा अलग है। उनकी विचारधारा से कुछ हम सहमत है, कुछ विषय पर नहीं। हमारी पार्टी के सभी नेता ध्यान रखते हुए कार्य करेंगे। एनडीए को 40 सीट पर लोकसभा में जीत मिले इसका ध्यान रखते हुए काम करना है। वहीं महिला आरक्षण बिल पर उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज से आने वाली महिलाओं को भी आरक्षण में आरक्षण दिया जाए। रालोजद को जब भी मौका मिलेगा तो अतिपिछड़ा समाज की महिलाओं को आरक्षण देने का काम करेंगे। महिला आरक्षण सही बात है लेकिन ओबीसी और ईवी महिलाओं को भी आरक्षण मिले। भारत सरकार के पास समय है विचार कर फैसला भी भी कर सकते हैं।


वहीं लालू, राबड़ी और तेजस्वी पर सीबीआई के समन के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जो भ्रष्टाचार का मामला चल रहा है और जो सबूत है वह नीतीश कुमार के सबसे बड़े सिपह सालार ललन सिंह और राजद के नेताओं ने दिया था। उन्हीं सबूतों पर कार्रवाई हो रही है तो तेजस्वी यादव को बेचैनी क्यों है? अगर गलत नहीं है तो कोर्ट में अपनी बात को जाकर रखें, बाहर बयान देने से क्या होगा।


नीतीश कुमार द्वारा पार्टी प्रवक्ताओं को सरकार के काम का प्रचार प्रसार करने की जिम्मेदारी दिए जाने पर कुशवाहा ने कहा कि बिहार के यह वही मुख्यमंत्री है जो अपने काम के माध्यम से प्रचार की बात करते थे लेकिन आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को क्या हो गया हैं। वहीं शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की चर्चा पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा था कि शिक्षकों के विषय पर बैठकर बात करेंगे। आज तक शिक्षकों के प्रतिनिधियों से कोई बात क्यों नहीं की। नीतीश कुमार को इस विषय पर गंभीरता से शिक्षक प्रतिनिधियों के साथ बात कर उचित फैसला लेना चाहिए।