PATNA : लालू फैमिली में तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच शुरू हुई जंग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गयी है. तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी के साथ साथ उने सहयोगियों पर ऐसे गंभीर आऱोप लगाये हैं कि अब सुलह की कोई गुंजाइश बाकी नहीं रह गयी है. तेजप्रताप कह रहे हैं कि बिहार की जनता बाढ़ में डूब रही है औऱ तेजस्वी दिल्ली चले गये. लालू के बड़े बेटे ने तेजस्वी के सबसे करीबी संजय यादव पर दिल्ली में मॉल बनवाने का भी आरोप लगा दिया है.
लालू परिवार की सियासत पर तेज वार
लालू फैमिली में तीन दिन पहले विवाद शुरू हुआ था. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को लगातार जलील कर रहे तेजप्रताप यादव के पर कतर दिये थे. उसके बाद हर रोज तेजप्रताप यादव के तेवर तल्ख होते जा रहे हैं. आज मीडिया से बात करते हुए तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी के साथ साथ उनके सबसे करीबी सहयोगी संजय यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह औऱ शिवानंद तिवारी पर ऐसी गंभीर आऱोप लगाये हैं कि जेडीयू-बीजेपी को बैठे बिठाये बड़ा मुद्दा मिल गया है.
बाढ़ में डूबते बिहार को छोड़ कर दिल्ली गये तेजस्वी
ये वही आऱोप है जो विपक्षी पार्टियां राजद नेता तेजस्वी यादव पर लगाती रहती हैं. आज तेजप्रताप ने तेजस्वी पर आरोप लगाया. कहा-बिहार की जनता बाढ़ में डूब रही है औऱ तेजस्वी यादव दिल्ली चले गये हैं. उन्हें कतई दिल्ली नहीं जाना चाहिये था. वैसे तेजप्रताप ने कहा कि तेजस्वी खुद दिल्ली नहीं गये हैं बल्कि उन्हें संजय यादव साथ ले कर गये हैं. संजय यादव तेजस्वी को अपने इशारे पर चला रहे हैं.
संजय यादव ने दिल्ली में म़ॉल बना लिया
तेजप्रताप यादव ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि तेजस्वी के करीबी संजय यादव ने दिल्ली में मॉल बना लिया है. उन्होंने पूरी पार्टी को बदनाम कर दिया है. पार्टी का हर कार्यकर्ता शिकायत कर रहा है. संजय यादव के कारनामों से पार्टी के हर नेता अवगत हैं.
जगदानंद शिशुपाल औऱ संजय यादव दुर्योधन
खुद को कृष्ण बताने वाले तेजप्रताप यादव ने महाभारत के पात्रों के नाम के आधार पर अपनी पार्टी के नेताओं का नामाकरण कर दिया है. तेजप्रताप ने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद शिशुपाल हैं. गौरतलब है कि महाभारत में कृष्ण ने शिशुपाल वध किया था. तेजप्रताप कह रहे हैं कि वे भी कृष्ण की भांति पहले जगदानंद सिंह की गाली सुन रहे हैं. तेजप्रताप यादव ने संजय यादव को दुर्योधन की संज्ञा दे दी. उन्होंने ये भी कहा कि लोगों को मालूम होगा कि दुर्योधन का वध कैसे हुआ था. कृष्ण ने कैसे बताया था कि उसकी जंघा पर वार करना है.
जगदानंद के मां-बाप ने संस्कार नहीं
शुक्रवार को तेजस्वी ने कहा था कि तेजप्रताप बड़े भाई हैं लेकिन उन्हें पार्टी का अनुशासन मानना पडेगा. हमारे मां-पिता ने बड़ों का सम्मान करने का संस्कार दिया है. बौखलाये तेजप्रताप यादव ने कहा कि जगदानंद सिंह को उनके मां-बाप ने संस्कार नहीं दिया है. तभी वे गरीब कार्यकर्ताओँ का अपमान कर रहे हैं. जब जगदानंद के पास संस्कार नहीं है तो हम क्यों सम्मान करें. तेजप्रताप यादव ने शिवानंद तिवारी पर जमकर हमला बोला. कहा- यही वो शिवानंद तिवारी हैं जिन्होंने लालू यादव को जेल भिजवा दिया था.
लालू सब देख रहे हैं तो कार्रवाई करें
तेजप्रताप यादव ने कहा कि वे जो बोल रहे हैं उसे जरूर दिल्ली में बैठे उनके पिता लालू प्रसाद यादव देख रहे होंगे. अगर उन्हें पार्टी की चिंता है तो कार्रवाई करें. दूध का दूध औऱ पानी का पानी करें. वैसे वे दिल्ली जायेंगे तो लालू यादव से मिलेंगे लेकिन अभी लालू यादव को खुद से कार्रवाई करनी चाहिये.
अब सुलह की कोई गुंजाइश नहीं बची
तेजप्रताप यादव का ये बयान तब आय़ा है जब तेजस्वी दिल्ली में हैं. उनके करीबी बता रहे हैं कि वे लालू यादव से फाइनल बात करने गये हैं. वे कहने गये हैं कि तेजप्रताप यादव को अब वे नहीं झेल सकते. लेकिन इसी बीच तेजप्रताप ने तेजस्वी औऱ उनके करीबियों पर बेहद गंभीर आऱोप लगा दिया है. तेजप्रताप उस सुर में बोल रहे हैं जो विपक्षी पार्टियां बोलती है. तेजप्रताप यादव के ऐसे बयानबाजी के बाद बिहार की पॉलिटिक्स का एजेंडा ही बदल गया है.
अब तक तेजस्वी यादव राज्य सरकार को घेर रहे थे. बाढ से लेकर जातीय जनगणना जैसे मुद्दे पर वे आक्रामक थे. तेजस्वी कह रहे थे कि नीतीश कुमार कुर्सी से चिपके रहने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. तेजप्रताप की ऐसी बयानबाजी के बाद अब जेडीयू-बीजेपी के नेता आऱोप लगा रहे हैं कि तेजस्वी कुर्सी के लिए कुछ भी कर सकते हैं. तभी तेजप्रताप यादव के खिलाफ वे कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
जानकार बता रहे हैं कि तेजस्वी इस दफे दिल्ली से तभी लौटेंगे जब तेजप्रताप यादव का मामला सॉल्व होगा. ये तो तय हो गया है कि अब सुलह की कोई गुंजाइश नहीं बची है. लेकिन क्या लालू यादव तेजप्रताप यादव को पार्टी से निकालेंगे या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे. लालू-राबड़ी ने भले ही तेजस्वी को अपना सियासी उत्तराधिकारी बनाया हो लेकिन अपने बड़े बेटे के लिए उनका प्रेम जगजाहिर रहा है. सवाल ये है कि क्या लालू तेजस्वी या तेजप्रताप में से किसी एक को चुन पायेंगे. फिलहाल ये मुमकिन नहीं लगता. परेशानी इस बात की भी है कि तेजप्रताप यादव अपने पिता की भी बात नहीं सुनते. लिहाजा उन्हें लालू समझा बुझाकर चुप भी नहीं करा सकते. ऐसे में राजद का खेल दिलचस्प हो गया है.