लालू यादव के पोतों की गुंडागर्दी पर पटना पुलिस बोली...अपार्टमेंट निर्माण का था विवाद, घायल अधिकारी के पक्ष पर भी ज्यादा संगीन धाराओं में FIR

लालू यादव के पोतों की गुंडागर्दी पर पटना पुलिस बोली...अपार्टमेंट निर्माण का था विवाद, घायल अधिकारी के पक्ष पर भी ज्यादा संगीन धाराओं में FIR

PATNA: नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह पर जानलेवा हमले के मामले में पटना पुलिस ने अपनी कहानी सुना दी है. पटना पुलिस ने कहा है कि ये मामला अपार्टमेंट निर्माण के विवाद का है. दिलचस्प बात देखिये, पटना पुलिस कह रही है कि लालू यादव के पोतों का विवाद मनीष कुमार सिंह नाम के व्यक्ति से चल रहा था, उसी कारण ये घटना हुई. पुलिस के मुताबिक अधिकारी अरविंद सिंह का विवाद से कोई लेना-देना नहीं था. लेकिन जिस मनीष सिंह से विवाद चल रहा था उसे कुछ नहीं हुआ और अरविंद सिंह के साथ ऐसी बर्बरता हुई कि वे अस्पताल में जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं. 


पटना पुलिस ने कहा है कि इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से मारपीट की गयी है, इसलिए दोनों पक्षों पर एफआईआर दर्ज की गयी है. यानि न सिर्फ लालू यादव के पोतों तनुज यादव और नयन यादव पर एफआईआर हुआ है बल्कि घायल अधिकारी अरविंद सिंह के साथ के लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया है. एक औऱ बात दिलचस्प है. घायल अधिकारी अरविंद कुमार सिंह पर लालू यादव के पोतों द्वारा दर्ज कराये एफआईआर में ज्यादा गंभीर धारायें लगायी गयी हैं. देखिये क्या कह रही है पटना पुलिस.


पटना पुलिस के मुताबिक 16 जनवरी की रात करीब साढ़े नौ बजे दूरभाष पर रूपसपुर थाना को सूचना मिली कि गोला रोड में मून हाईट अपार्टमेन्ट के पास मारपीट हो रही है. थाने की ओर से गश्ती पदाधिकारी एवं 112 की टीम को घटनास्थल पर तुरंत भेजा गया. पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो वहाँ पर कोई नहीं मिला. बाद में पुलिस को फोन कर यह बताया गया कि वे जख्मी अरविन्द कुमार सिंह को पारस अस्पताल ले जा रहे है. 


पटना पुलिस के मुताबिक उसकी टीम जब पारस अस्पताल पहुँची तो यह पाया गया कि अरविन्द कुमार सिंह जख्मी अवस्था में आई०सी०यू० में थे तथा बयान देने की स्थिति में नहीं थे. पुछताछ के दौरान रवि कुमार सिंह ने बताया कि नागेन्द्र राय के लड़कों ने मारपीट की है, जिसमें अरविन्द कुमार सिंह को बायाँ आँख एवं कान के पास चोट आयी है. किसी दूसरे व्यक्ति के जख्मी होने की बात नहीं बतायी गयी. उस समय उनके द्वारा कोई एफआईआर दर्ज नहीं करायी गयी. 


पटना पुलिस के मुताबिक 17 दिसंबर की रात साढ़े नौ बजे एक लिखित आवेदन आया, जिसे विजय कुमार सिंह, पिता परमा सिंह, ग्राम-बसंत छपरा, थाना-महमदपुर, जिला-गोपालगंज ने दिया था.  विजय कुमार सिंह जख्मी अधिकारी अरविन्द कुमार सिंह के चचेरे भाई है.  उनके आवेदन में कहा गया है कि 16 जनवरी की रात 09.30 बजे उनके भाई अरविन्द कुमार सिंह जो डोभी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर कार्यरत है, पर कुछ अपराधिक तत्वों द्वारा जानलेवा हमला किया गया है. इस प्राथमिकी में दो लोग तनुज यादव और नयन यादव, दोनों पिता नागेन्द्र यादव,  गोला रोड़, थाना-दानापुर, जिला-पटना और 15-20 अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया.


दोनों पक्षों के खिलाफ FIR

पुलिस कह रही है कि विजय सिंह के FIR के बाद तुनज यादव और नयन यादव के घर पर छापामारी की गयी. छापेमारी के दौरान एक व्यक्ति जिसका नाम रंजन कुमार, पिता विजय सिंह, सा०- वैष्णवी पथ रामजयपाल नगर, थाना-रूपसपुर, जिला-पटना को गिरफ्तार किया गया. रंजन कुमार के चेहरे पर जख्म के निशान थे. पुलिस की पुछताछ में उसने बताया गया कि घटना में वह भी शामिल था. रंजन कुमार से जब यह पुछा गया कि कहाँ इलाज कराया है तो उसने बताया कि इलाज प्राईवेट में हुआ है.


पुलिस ने कहा कि रंजन कुमार ने ये भी बताया कि विपक्षी लोगों ने उनलोगों के साथ भी मारपीट की है. इसलिए दोनों तरफ से एफआईआर दर्ज की गयी है. नागेंद्र यादव के बेटों औऱ उसके साथियों के खिलाफ काड सं0-42/24 दर्ज की गयी है. जिसमें आईपीसी की धारा-147/149/323/324/326/307 /34 लगायी है. वहीं, घायल अधिकारी अरविंद कुमार सिंह के पक्ष पर कांड सं0-43/24 दर्ज की गयी है, जिसमें आईपीसी की धारा-147/149/323/307/504/506 और 27 आर्म्स एक्ट लगाया गया है. यानि जो घायल अधिकारी जिंदगी मौत से जूझ रहा है उसके पक्ष पर ज्यादा गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गयी है.


अपार्टमेंट निर्माण का था विवाद

पुलिस कह रही है कि उसने जब प्रत्यक्षदर्शी से पूछताछ की तो उसने बताया कि तनुज यादव और नयन यादव समेत कुछ लोग आपस में किसी बात को लेकर विवाद कर रहे थे. उसी समय मनीष कुमार सिंह नाम का व्यक्ति फॉर्च्यूनर गाड़ी से घटनास्थल पर पहुँचा तथा उनके द्वारा वहाँ जाकर बीच-बचाव करने की कोशिश की गयी. इसी बात पर तनुज यादव और नयन यादव की झड़प मनीष औऱ उसके साथियों से हो गयी. इसी क्रम में बात बढ़ गयी और मारपीट की घटना घटी है. पुलिस के मुताबिक मनीष सिंह, तनुज यादव और नयन यादव पहले से  परिचित थे तथा पहले भी इनलोगों का अपार्टमेन्ट निर्माण को लेकर विवाद था.


मनीष के कारण अरविंद पर हमला

पुलिस की कहानी ये कह रही है कि कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद सिंह पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि वे मनीष कुमार सिंह के साथ थे. उनके साथ मारपीट इसलिए हुई क्योंकि वे मनीष कुमार सिंह के साथ थे. दिलचस्प बात ये है कि मनीष कुमार सिंह के साथ कुछ नहीं हुआ है. वैसे पुलिस कह रही है कि अधिकारी अरविंद कुमार सिंह पर हमला करने वालों में से एक रंजन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है. रंजन कुमार ने अपने उपर हमला करने वालों में मनीष कुमार सिंह, रवि सिंह राजपूत, पवन कुमार सिंह और राजीव महतो की पहचान की है. रंजन कुमार कह रहा है कि वे लोग अरविन्द सिंह को नहीं जानते थे तथा भीड़ में किसने अरविन्द सिंह पर हमला किया गया, यह उसे नहीं मालूम है. पुलिस के मुताबिक घटनास्थल के आसपास अपार्टमेंन्ट और दूकानों में लगे सी०सी०टी०वी० से अभियुक्तों की पहचान की जा रही है. नामजद अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.