GOPALGANJ: चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने जेडीयू और आरजेडी के बीच हुई डील का खुलासा कर दिया है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2025 तक अपनी कुर्सी को सुरक्षित करने के लिए बीजेपी से नाता तोड़ा और महागठबंधन में चले गए। प्रशांत किशोर ने इस बात की जानकारी खुद मार्च 2022 में दिल्ली में उनसे मुलाकात के दौरान दी थी और उन्हें भी साथ आने का न्योता दिया था। नीतीश कुमार ने सोची समझी रणनीति के तहत आरजेडी के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया है ताकि वे बिहार में एक बार फिर जंगलराज की वापसी करा सकें।
दरअसल, प्रशांत किशोर जन सुराज यात्रा के दौरान शुक्रवार को गोपालगंज के पंचदेवरी स्थित खलगांव पंचायत पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने लालू और नीतीश की डील का खुलासा किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश जब मार्च 2022 में दिल्ली में उनसे मिले थे तभी कहा था कि बिहार में महागठबंधन बनाने जा रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश ने उन्हें महागठबंधन में आने का न्योता भी दिया था। पीके ने बताया कि नीतीश कुमार को यह बात अच्छी तरह से पता है कि 2024 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले बीजेपी उन्हें हटाने वाली थी। बीजेपी के लोकसभा चुनाव में जीतकर दिल्ली की सत्ता में आते ही नीतीश की विदाई हो जाती।ये सब होने से पहले ही नीतीश कुमार ने बिहार में महागठबंधन की व्यवस्था बना ली कि कम से कम 2025 तक वे बिहार के सीएम बने रहें।
नीतीश कुमार के इस बयान पर कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ा जाएगा, इसपर प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री बिना सोचे समझे कोई बात नहीं कहते हैं। नीतीश को न तो तेजस्वी से कोई प्रेम है और ना ही आरजेडी की विचारधारा का उन्होंने कभी समर्थन किया है। नीतीश की सोच है कि 2025 के बाद उन्हें बिहार का सीएम तो रहना नहीं है, ऐसे में वे चाहते हैं कि उनके बाद आरजेडी की सत्ता बिहार में रहे ताकि बिहार के लोग इस बात को कहें कि इससे बढ़िया नीतीश थे। ये नीतीश कुमार का गुस्सा है कि वे बिहार के लोगों को आरजेडी की सरकार देकर उनसे बदला लेना चाहते हैं। बिहार में बढ़िया सरकार बन जाती है तो इससे नीतीश की ही बदनामी होगी लेकिन अगर लालू का जंगलराज बिहार में लौट आए और तेजस्वी मुख्यमंत्री बन जाएं, तो लोग यही कहेंगे कि इससे बढ़िया तो नीतीश ही थे। इसी रणनीति के तहत नीतीश ने आरजेडी के साथ गठबंधन किया है।