लालू के घर छापे पर सामने आयी नीतीश की बेचैनी: मीडिया से कहा-जो रेड कर रहा है वही बतायेगा, हमको कोई जानकारी नहीं

लालू के घर छापे पर सामने आयी नीतीश की बेचैनी: मीडिया से कहा-जो रेड कर रहा है वही बतायेगा, हमको कोई जानकारी नहीं

PATNA: तीन दिन पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव औऱ उनके परिजनों के ठिकानों पर सीबीआई की रेड पर नीतीश कुमार की बेचैनी सामने आ ही गयी. नीतीश ही नहीं बल्कि उनकी पार्टी के तमाम नेता छापेमारी के बाद चुप्पी साध कर बैठे थे. आज नीतीश मीडिया के सामने आये तो सीबीआई की रेड पर उनसे सवाल पूछ लिया गया. नीतीश कुमार का जवाब बता गया कि जेडीयू में कितनी बेचैनी है।


नीतीश आज जेडीयू ऑफिस में बैठे थे. लगभग चार घंटे तक अपनी पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं से मिलते रहे. उसके बाद जब बाहर निकले तो मीडियाकर्मियों ने घेर लिया. नीतीश से सवाल पूछा गया-सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लोगों के ठिकाने पर रेड किया है. नीतीश का जवाब आया-रेड के बारे में हमको क्या जानकारी होगी. जो रेड कर रहा है वही बतायेगा कि क्या बात है. हमलोगों को कोई जानकारी नहीं है।


लालू पर आरोपों का नीतीश को पता नहीं

यानि नीतीश कुमार मीडिया को ये बता गये कि उन्हें कुछ पता नहीं कि लालू प्रसाद यादव और उनके परिजनों पर क्या आरोप लगा है. नीतीश ने इस पूरे प्रकरण से खुद को अनभिज्ञ करार दिया. बता दें कि 2017 में नीतीश कुमार ने लालू औऱ उनके परिजनों पर लगे ऐसे आरोपों को ही कारण बता कर राजद से नाता तोड़ लिया था और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. उस वक्त भी लालू यादव पर रेल मंत्री रहते घूस में जमीन लेने का आरोप लगा था।


अपनी पार्टी के आरोपों को ही क्यों भूले नीतीश

इस बार सीबीआई ने लालू पर रेलवे की नौकरी देने के लिए जमीन लेने के आरोप में केस दर्ज कर रेड किया है.  बता दें कि लालू पर लोगों से जमीन लेकर रेलवे में नौकरी देने का आऱोप सबसे पहले जेडीयू ने ही लगाया था. 2008 में ही जेडीयू के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष ललन सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने बकायदा जेडीयू ऑफिस में प्रेस कांफ्रेंस कर लालू यादव पर जमीन लेकर नौकरी देने का आरोप लगाया था. 


उस प्रेस कांफ्रेंस में जेडीयू के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष ललन सिंह ने कई जमीनों का कागजात भी मीडिया के सामने पेश किया था. इन जमीनों की रजिस्ट्री लालू प्रसाद यादव के परिजनों के नाम पर की गयी थी. बीजेपी नेता सुशील मोदी कह रहे हैं कि ललन सिंह और शिवानंद तिवारी ने उस वक्त के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन देकर तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ जांच कराने तक की मांग की थी।


अब नीतीश कुमार कह रहे हैं कि उन्हें पता ही नहीं कि लालू यादव के घर पर क्यों रेड हुई या उन पर क्या आरोप लगा है. नीतीश कुमार की यही अनभिज्ञता कई सवाल खड़े कर रही है. सियासी हलके में पहले से ही ये चर्चा है कि सीबीआई की छापेमारी के कारण नीतीश के पलटी मारने का प्लान थम गया है। 


चर्चा ये हो रही है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी को गच्चा देकर तेजस्वी के साथ मिलकर सरकार बनाने का प्लान फाइनल कर लिया था. तभी लालू यादव के ठिकानों पर छापेमारी हुई. सियासी गलियारे में ये भी चर्चा हो रही है कि सीबीआई की छापेमारी से नीतीश कुमार को भी संदेश दिया गया है. आज नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया ऐसी चर्चाओं को और बल देगी।