PATNA: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किये जाने के बाद आरजेडी के नेता ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को इस सबसे बड़े सम्मान से नवाजे जाने की मांग पिछले दिनों की थी। इसे लेकर आरजेडी कार्यालय के बाहर और पटना के विभिन्न चौक-चौराहे पर पोस्टर भी लगाया गया था। लेकिन इन दिनों एक और पोस्टर चर्चा में बना हुआ है। जिसे पटना के वीर चंद्र पटेल पथ सहित कई चौक चौराहे पर दिवाली और छठ पूजा के मौके पर लगाया गया है। जिसके माध्यम से भारत सरकार से बिहार के चार राजनेताओं को भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग की गयी है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिवंगत रामविलास पासवान, दिवंगत सुशील कुमार मोदी को भारत रत्न दिये जाने की मांग की है। इन चार राजनेताओं में दो नेता रामविलास पासवान और सुशील कुमार मोदी अब हमारे बीच नहीं है। इन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग की गयी है। पोस्टर लगवाने वाले भाई धर्मेंद्र मुखिया ने कहा कि केंद्र सरकार से पूछता है बिहार कि इन्हें भारत रत्न क्यों नहीं दिया जा रहा है। यथा शीघ्र इन महापुरुषों एवं समाजवाद के योद्धा को भारत रत्न से नवाजा जाए।
इससे पहले भी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भारत रत्न से सम्मानित किये जाने की मांग उठी थी। आरजेडी अनुसूचित जाति के प्रदेश सचिव रंजीत रजक ने पिछले दिनों इसे लेकर पटना में पोस्टर लगाया था। यह कहा था कि लालू को कुछ लोग गरीबों का मसीहा कहकर पुकारते हैं तो वही अब उनके पार्टी के नेता उन्हें भगवान कहकर संबोधित कर रहे हैं। भारत सरकार से अपने आदरणीय नेता के लिए राजद नेता ने यह मांग की है। सामाजिक न्याय के नेता एवं बिहार के आवाज माननीय पूर्व मुख्यमंत्री श्रीलालू प्रसाद यादव जी को भारत रत्न से सम्मानित किये जाने की मांग की गयी है।
आरजेडी अनुसूचित जाति के प्रदेश सचिव रंजीत रजक ने तब कहा था कि दबे कुचले के आवाजों को बुलंद करने का काम हमारे नेता लालू प्रसाद किया हैं। पहले संविधान होने के बाद भी हक हकदार की बात नहीं कर सकते थे लेकिन हमारे भगवान लालू प्रसाद यादव वैसे वंचित समाज को उठाने का काम किये हैं। राजद नेता ने कहा कि पहले सरकारी कार्यालय में कोई काम कर्मचारी नहीं करता था तब लोग कहते थे कि जाकर लालू जी को बताते हैं उन्ही से शिकायत करते हैं। लालू का नाम सुनते ही कर्मचारी तुरंत काम करता था लेकिन आज फिर पहले वाली स्थिति उत्पन्न हो गयी है आज सरकारी कार्यालयों में लोगों का काम नहीं होता है।