DELHI : जनता दल यूनाइटेड के अंदर मचे घमासान के ऊपर नीतीश कुमार की चुप्पी ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को कंफ्यूज कर रखा है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के बीच जो विवाद चल रहा है, उसे देखते हुए नीतीश कुमार की तरफ से आने वाली प्रतिक्रिया का पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इंतजार कर रहे हैं. लेकिन नीतीश इस मसले पर फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोलना चाहते. पिछले दिनों आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार के जन्मदिन 1 मार्च से राज्य भर में संवाद अभियान और सदस्यता चलाने का ऐलान किया था. लेकिन पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सदस्यता अभियान की बात को खारिज कर दिया. सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अक्टूबर महीने से पहले बिहार में पार्टी का सदस्यता अभियान में शुरू होगा. ऐसे में दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ लगातार परस्पर विरोधी बयान दे रहे हैं लेकिन नीतीश कुमार की चुप्पी टूटने का नाम नहीं ले रही.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दिल्ली दौरे पर है लेकिन दिल्ली पहुंच कर भी नीतीश कुमार ने लल्लन आरसीपी विवाद पर अपनी जुबान नहीं खोली. इस पर उन्होंने यह कहते हुए जवाब टाल दिया कि चलिए छोड़िए यह सब यहां उचित नहीं है. दिनेश कुमार ने जिस तरह इस सवाल का जवाब टाल दिया. उसे देखकर लगता है कि फिलहाल वह ललन आरसीपी विवाद पर अपना पता नहीं खोलना चाहते. सियासी जानकार मानते हैं कि नीतीश कुमार किसी मसले पर जब चुप्पी तोड़ते हैं तो वह निर्णायक कदम की तरफ आगे बढ़ते हैं.
जनता दल यूनाइटेड के नेताओं की तरफ से समय-समय पर यह कहा जाता है कि पार्टी के अंदर कोई अंतर्विरोध नहीं है. सब कुछ ठीक है लेकिन इसके बावजूद ललन सिंह और आरसीपी सिंह जिस तरह एक दूसरे को लेकर बयानबाजी करते रहे हैं. उसे देखते हुए पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सबसे खराब स्थिति में है. कार्यकर्ताओं को यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह किस तरफ खड़े रहे पार्टी के नेता नीतीश कुमार हैं, और नीतीश कुमार की चुप्पी ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को और ज्यादा परेशान किया है. ऐसे में आज जिस तरह नीतीश कुमार ने इस विवाद पर कुछ भी बोलने से इनकार किया वह कंफ्यूजन और बढ़ाएगा.