PATNA: कोरोना को लेकर बिहार सरकार की गंभीरता की कलई एक बार फिर से खुल गयी है. मंगलवार को लखीसराय सदर अस्पताल से कोरोना का संदिग्ध मरीज फरार हो गया. इस वाकये के वक्त मजिस्ट्रेट से लेकर पुलिस टीम वहीं मौजूद थी लेकिन सब आराम फरमाते रहे.
घटना के बारे में मिल रही जानकारी के मुताबिक लखीसराय के नया बाजार का संजय कुमार शर्मा मंगलवार को सदर अस्पताल पहुंचा था. उसे लगातार दस्त, सर्दी-खांसी, बुखार एवं सीने में दर्द हो रहा था. अस्पताल में तैनात डॉक्टर अश्वनी कुमार ने इलाज के दौरान उसमें कोरोना का संदिग्ध लक्षण पाया और उसे आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करने को कहा. 14 दिनों के लिए आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किए जाने की बात सुनकर संजय कुमार शर्मा घबराया. फिर वो अपने एक अन्य सहयोगी के साथ वहां से फरार हो गया.
आराम फरमाते रहे मजिस्ट्रेट-पुलिसकर्मी
संजय के फरार होने के तकरीबन 10 मिनट बाद डॉक्टर ने इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधक को दी. अस्पताल प्रबंधक ने तत्काल वहां खास तौर पर कोरोना वायरस के लिए तैनात किए गए अतिरिक्त पुलिस जवान और मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दी. अस्पताल प्रबंधक से खबर मिलने के बाद भी वहां मौजूद मजिस्ट्रेट और पुलिस टीम ने कोई पहल नहीं की. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने अपने एक कर्मचारी निरंजन कुमार को संदिग्ध मरीज की तलाश के बाइक से शहर भेजा.
अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य कर्मी निरंजन कुमार ने सुरक्षा किट पहन कर अपनी बाइक से पूरे शहर में तलाश किया लेकिन संदिग्ध मरीज और उसके साथ आए सहयोगी का कोई पता नहीं चल पाया. इस पूरे प्रकरण के दौरान आइसोलेशन वार्ड की सुरक्षा के लिए तैनात मजिस्ट्रेट और पुलिस जवान आराम फरमाते रहे. कोरोना के संदिग्ध मरीज की जांच करने वाले डॉक्टर अश्वनी कुमार ने बताया कि मरीज में कोरोना वायरस का लक्षण दिख रहा था, हालांकि इसकी पुष्टि जांच के बाद ही होना था. लेकिन वो फरार हो गया जिससे जांच नहीं हो पायी.वहीं, सदर अस्पताल प्रबंधक नंदकिशोर भारती ने मीडिया को बताया कि आइसोलेश वार्ड के नाम पर तैनात मजिस्ट्रेट और पुलिस टीम से सहयोग नहीं मिल पा रहा है. इससे संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करने में काफी परेशानी हो रही है.